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भारतीय पासपोर्ट पर मनीला गए थे हमलावर पिता-पुत्र, बॉन्डी बीच हमले पर फिलीपींस का दावा

फिलीपींस ने दावा किया कि पाकिस्तानी मूल के पिता-पुत्र भारत के पासपोर्ट का इस्तेमाल कर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे और सिडनी में वारदात को अंजाम दिया। फिलीपींस के इस दावे पर सोशल मीडिया यूजर्स कमेंट्स कर रहे हैं।

भारतीय पासपोर्ट पर मनीला गए थे हमलावर पिता-पुत्र, बॉन्डी बीच हमले पर फिलीपींस का दावा
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सिडनी: Bondi Beach Attack: ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए हमलावरों के इस्लामिक स्टेट (ISIS) से तार जुड़ने की बात सामने आई है। इसी बीच, एक और चौंकाने वाला दावा सामने आया है। फिलीपींस ने दावा किया कि पाकिस्तानी मूल के पिता-पुत्र भारत के पासपोर्ट का इस्तेमाल कर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे और सिडनी में वारदात को अंजाम दिया। फिलीपींस के इस दावे पर सोशल मीडिया यूजर्स कमेंट्स कर रहे हैं। यूजर्स लिख रहे हैं कि इनका पासपोर्ट फर्जी होगा। 14 दिसंबर की शाम दो हमलावरों ने यहूदियों को टारगेट कर 50 राउंड फायरिंग की। 15 लोग मारे गए। 40 लोग घायल हैं। ये सभी धार्मिक त्योहार ‘हनुक्का’ मना रहे थे।

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी सहयोग

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने रिपोर्ट में बताया है कि इस हमले के आरोपी बाप-बेटे (24 साल का नवीद अकरम और उसके 50 साल के पिता साजिद) ने कुछ हफ्ते फिलीपींस की यात्रा की थी। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि दोनों का वहां जाने का मकसद क्या था, किन स्थानों पर ठहरे और किन लोगों से उन्होंने संपर्क किया। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के मुताबिक इस बात का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी सहयोग लिया जा रहा है कि इन दोनों बाप-बेटों की यह सामान्य फिलीपींस यात्रा थी या किसी चरमपंथी नेटवर्क से मिलने के लिए की गई थी। मरने वालों में कार्यक्रम के संयोजक एली स्लैंगर भी थे। हमलावरों ने सबसे पहले उन्हें ही गोली मारी। सिडनी में रहने वाले 41 साल के एली स्लैंगर ऑस्ट्रेलिया के यहूदियों में जाना-पहचाना नाम थे। मरने वालों में 10 साल की बच्ची से लेकर बुजुर्ग तक हैं।

हमला ISIS की विचारधारा से प्रेरित

इससे पहले बीबीसी और एएफपी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि यह हमला आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की विचारधारा से प्रेरित था। हमलावरों की कार से इस्लामिक स्टेट का झंडा और कुछ विस्फोटक बरामद होने के बाद जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। फिलीपींस के आव्रजन ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि साजिद अकरम और उसका बेटा नवीद अकरम एक नवंबर को सिडनी से एक साथ आए थे और 28 नवंबर को चले गए। यानी करीब एक महीने तक फिलीपींस में रहे।

पहली गोली एली को ही लगी

बॉन्डी बीच एरिया में रहने वाले यांकी बर्गर यहूदियों के नेता है। वे बताते हैं, ‘बॉन्डी बीच पर मेरे दोस्त एली स्लैंगर ने हनुक्का फेस्टिवल का आयोजन किया था। अचानक दो आतंकियों ने त्‍योहार को निशाना कर फायरिंग शुरू कर दी। ऐसे में त्‍योहार मना रहे लोग भागने लगे। आतंकियों ने महिलाओं, बच्चों, बुजुर्ग सभी को गोली मारी।’‘पहली गोली एली को ही लगी। एली यहूदियों के नेता थे। उनके 5 बच्चे हैं। एली खुशमिजाज शख्स थे। हमले के वक्त वे स्टेज पर खड़े थे। तभी हमलावरों ने उनके सिर पर गोली मारी।’


ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के खिलाफ नफरत बढ़ी

यांकी ऑस्ट्रेलियाई सरकार से नाराज दिखते हैं। वे कहते हैं, ‘7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के खिलाफ नफरत बढ़ी है। यहां भीड़ यहूदियों के खिलाफ प्रदर्शन करती थी। इसके बावजूद सरकार कुछ नहीं करती थी। प्रदर्शन में शामिल लोग कई बार यहूदियों को मारने की बात कहते थे। एली स्लैंगर इसी तरह के मुद्दे उठाते रहते थे।’

उन्‍होंने कहा कि यहूदी होने के नाते मुझे लगता है कि इस हमले के बाद जरूरी है कि हमारी सुरक्षा के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार कदम उठाए। समुदाय के तौर पर भी ये हमारे लिए बड़ी सीख है। हमें और ज्यादा एकजुट रहना होगा। होलोकास्ट के सिर्फ 3 साल बाद हमने 1948 में अपना खुद का देश इजराइल बनाया था।’


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