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बिहार : सेनेटरी पैड वितरण अभियान पर जदयू का तंज, नीरज कुमार ने कांग्रेस पर साधा निशाना

बिहार में कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू किए गए सेनेटरी पैड वितरण अभियान को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस अभियान पर तंज कसते हुए कांग्रेस पर वैचारिक दिवालियापन का आरोप लगाया है

बिहार : सेनेटरी पैड वितरण अभियान पर जदयू का तंज, नीरज कुमार ने कांग्रेस पर साधा निशाना
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पटना। बिहार में कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू किए गए सेनेटरी पैड वितरण अभियान को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस अभियान पर तंज कसते हुए कांग्रेस पर वैचारिक दिवालियापन का आरोप लगाया है।

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अपने बयान में कहा, "आखिर कांग्रेस पार्टी को हो क्या गया है? यह राजनीति में वैचारिक दिवालियापन और परिस्थितियों को समझने की कमी को दर्शाता है।"

उन्होंने आगे कहा, "अब चुनावी वर्ष आया है तो बेटियां, महिलाएं कांग्रेस के लिए सम्मान और इज्जत का प्रतीक हो गई हैं। आप(कांग्रेस) प्रतीक के रूप में अपने बड़े नेता का चेहरा उस पैकेट पर लगाते हैं। ऐसे में परिस्थिति की समझ न होना, यह स्वाभाविक रूप से कांग्रेस पार्टी का राजद जैसे सहयोगी पार्टी के साथ रहने की वजह है, जो राजनीति में 'लंपटई' के लिए जानी जाती है। उसी संगती का कांग्रेस पर असर दिखाई दे रहा है।"

बता दें, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का यह बयान तब आया है, जब बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने घोषणा की कि महिला कांग्रेस प्रदेश भर की 5 लाख महिलाओं तक सेनेटरी पैड का वितरण करेगी और स्वास्थ्य जागरूकता फैलाएगी। नीरज कुमार की मानें तो, कांग्रेस को बिहार की जमीनी हकीकत और लोगों की जरूरतों के बारे में पता ही नहीं है या इस मामले में समझ की कमी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह के अभियान बिना ठोस योजना और गहरी समझ के केवल सतही प्रभाव डालते हैं।

दूसरी ओर, राजेश राम के अनुसार कांग्रेस का यह अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राजेश राम ने कहा था कि इस अभियान के तहत महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित करेंगी और मासिक धर्म स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाएंगी। खासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में, जहां मासिक धर्म को लेकर अब भी कई भ्रांतियां हैं।


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