Top
Begin typing your search above and press return to search.

आदित्य ठाकरे का निशिकांत दुबे पर तीखा हमला, बीजेपी की नीतियों पर उठाए सवाल

शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पार्टी भाजपा की विचारधारा पर तीखा हमला बोला

आदित्य ठाकरे का निशिकांत दुबे पर तीखा हमला, बीजेपी की नीतियों पर उठाए सवाल
X

मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पार्टी भाजपा की विचारधारा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने निशिकांत दुबे के बयानों को महाराष्ट्र विरोधी करार देते हुए कहा कि वह न तो बिहार, न उत्तर प्रदेश और न ही हिंदी भाषा के प्रतिनिधि हैं, बल्कि केवल बीजेपी की "तोड़ो-फोड़ो, राज करो" की विचारधारा का प्रतीक हैं।

दरअसल, छह जुलाई को निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट करके कहा था कि हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता, कौन शेर खुद ही फैसला कर लो।

इसी पर आदित्य ठाकरे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी और निशिकांत दुबे की ओर से दिए गए बयान सोची-समझी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जो समाज को बांटने का काम करते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी हार के डर से हिंदू-मुस्लिम या जातिगत मुद्दों को हवा देती है। उन्होंने बिहार के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि निशिकांत दुबे को वहां की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उनकी नीतियां और बयान महाराष्ट्र के प्रति नफरत और द्वेष को दर्शाती है।

उन्होंने दावा किया कि बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बदलाव की लहर है और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने महाराष्ट्र की एकता पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य पूरे देश से आए लोगों का स्वागत करता है।

उन्होंने कोविड काल का जिक्र करते हुए कहा कि जब पूरा देश संकट में था, तब उद्धव ठाकरे ने बतौर मुख्यमंत्री सभी को महाराष्ट्र में रहने का आह्वान किया था।

उन्होंने कहा, "हमारा झगड़ा हिंदी भाषी या किसी समुदाय से नहीं, बल्कि सरकार की गलत नीतियों से है।"

उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि बीजेपी के बयानों से गुस्सा तो स्वाभाविक है, लेकिन इसका जवाब राजनीतिक तरीके से देना होगा।

आदित्य ठाकरे ने गठबंधन की रणनीति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों का गठबंधन महाराष्ट्र में लोगों के हितों के लिए काम कर रहा है। तीसरी भाषा नीति के विरोध में एकजुट हुए संगठनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में दो भाइयों (शिवसेना और अन्य सहयोगी) के एक साथ आने का उत्साह दिख रहा है। इस जोश को बनाए रखने के लिए रणनीति पर काम करना होगा।

निशिकांत दुबे के बयानों को सामाजिक नहीं, बल्कि राजनीतिक बताते हुए ठाकरे ने कहा कि बीजेपी की नीतियां महाराष्ट्र के खिलाफ हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने और बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों का जवाब वोटों के जरिए देने की अपील की।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it