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बरेली से पकड़ी गईं तीन बांग्लादेशी महिलाएं, 2011 से भारत में रह रही थीं

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां से बांग्लादेशी महिलाएं पकड़ी गईं

बरेली से पकड़ी गईं तीन बांग्लादेशी महिलाएं, 2011 से भारत में रह रही थीं
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बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां से बांग्लादेशी महिलाएं पकड़ी गईं। ये तीनों बहनें अवैध रूप से भारत की सीमा में घुसी थीं। पुलिस ने तीनों महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

यह मामला बरेली के प्रेम नगर थाना क्षेत्र का है। बांग्लादेश से आई तीनों बहनों ने बरेली में शादी कर ली। साल 2011 से बरेली में तीनों महिलाएं रह रही थीं। तीनों ने कुवैत स्थित भारतीय दूतावास से फर्जी पेपर बनवाए थे। पुलिस की गोपनीय जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। बहनों ने जाली दस्तावेजों से पहचान पत्र बना लिए थे। तीनों ने पासपोर्ट के जरिए बांग्लादेश, दुबई और कुवैत समेत कई देशों की यात्राएं भी की।

बांग्लादेशी महिलाओं के नाम मुनारा बी, सायरा बानो और तसलीमा हैं।

पुलिस की तहरीर के अनुसार, मुनारा की संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होने के संबंध में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी। जांच में पता चला कि वह बांग्लादेश की रहने वाली है, जिसका परिवार और स्थाई पता ग्राम शौकरी, थाना बैनापुलपोर्ट, जिला जस्सोर खुलना, बांग्लादेश है। यह महिला अवैध रूप से भारत आई है और फर्जी माता-पिता का नाम अंकित कराके पहचान पत्र और साल 2011 में भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया। उसके एक साल बाद ही 2012 में फर्जी जन्मतिथि से अपनी बहन सायरा बानो के नाम से एक और भारतीय पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों एवं प्रपत्रों का प्रयोग कर बनवा लिया। इस पासपोर्ट में फोटो व अन्य पहचान मुनारा बी का है।

गोपनीय जानकारी से यह पता चला है कि मुनारा की इस कृत्य में उनकी दो सगी बहनें, सायरा बानो और तसलीमा, ने पूरा सहयोग किया। तसलीमा ने भी इसी तरह भारत में प्रवेश किया था। तीनों बहनें अपनी बांग्लादेशी पहचान छिपाकर बरेली में रह रही थीं। इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468, 471, धारा 12 (1ए) (बी) पासपोर्ट अधिनियम 1967, धारा 14ए (बी) व धारा 14 विदेशी अधिनियम 1946, धारा 35 आधार अधिनियम 2016 के तहत केस दर्ज किया।


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