बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 7 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
सर्वोच्च न्यायालय बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के 24 जून के निर्देश को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ इस मामले की सुनवाई की

बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
- एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
- चुनाव आयोग ने कोई गलती की है तो पूरी प्रक्रिया रद्द होगी-सुप्रीम कोर्ट
- अंतिम फैसला पूरे देश पर लागू होगा-सुप्रीम कोर्ट
- सुनवाई समाप्त। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी
नई दिल्ली। एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में सभी पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलील दी गई। पहले ही एसआईआर के लिए मान्य दस्तावेज़ों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को झटका मिल चूका है। उसे आधार को दस्तावेज़ों में शामिल करने के निर्देश मिल चुके हैं.. और अब इस प्रक्रिया को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसपर कोर्ट ने साफ़ कहा कि अगर आयोग ने कोई गलती की है.. तो पूरी प्रक्रिया रद्द होगी।
एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट के तेवर बहुत सख्त नज़र आ रहे हैं। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की... इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सवाल किया कि वर्त्तमान स्थिति क्या है..क्या हमें इस बात का आंकलन होने तक इंतज़ार नहीं करना चाहिए कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कितने लोग छूट गए हैं? जिसपर याचिकाकर्ताओं के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि चुनाव आयोग अब दूसरे राज्यों के साथ आगे बढ़ रहा है। इसलिए कोर्ट एक तारीख दे दे।
एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट से कहा कि एक अवैध कार्यप्रणाली के कारण मुझे मतदान के अधिकार से क्यों वंचित किया जाए? जिसके बाद वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से गुज़ारिश की कि वो इसपर जल्दी फैसला सुनाए..वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ज़ोर देकर कहा कि जो हो रहा है वह नियमों और उनके अपने मैनुअल का घोर उल्लंघन है। कोई पारदर्शिता नहीं है। वहीं BJP नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने आधार के मुद्दे को फिर उठाते हुए कहा कि इसे 12 दस्तावेज़ों के बराबर नहीं माना जा सकता, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही चुनाव आयोग को निर्देश दे चूका है कि उसे एसआईआर के लिए मान्य दस्तावेज़ों में आधार को जोड़ना होगा...यानी पहले ही चुनाव आयोग को एक झटका मिल चुका है।
इस प्रक्रिया को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग ने इसमें कोई गलती की है.. तो पूरी एसआईआर प्रक्रिया रद्द होगी। कोर्ट बिहार एसआईआर पर आंशिक राय नहीं दे सकता। जो भी अंतिम फैसला होगा, वह पूरे देश पर लागू होगा।
जिसके बाद आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि इस मामले में चुनाव आयोग को कोर्ट से एक और झटका लग सकता है..पूरी एसआईआर प्रक्रिया रद्द भी हो सकती है...बहरहाल, अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी। तबतक कोर्ट ने सभी पक्षों को अपनी दलीलें तैयार करने के निर्देश दिए हैं।


