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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, अनाथ बच्चों को भी मिलेगा शिक्षा का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी अनाथ बच्चों को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत स्कूलों में दाखिला देने का निर्देश दिया है

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, अनाथ बच्चों को भी मिलेगा शिक्षा का अधिकार
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  • अनाथ बच्चों को मिलेगा शिक्षा का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी अनाथ बच्चों को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत स्कूलों में दाखिला देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला वकील पौलोमी पवनी शुक्ला द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें मांग की गई थी कि अनाथ बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया जाए।

आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों में दाखिले का रास्ता साफ

कोर्ट ने साफ किया कि अनाथ बच्चों को भी आरटीई एक्ट के तहत मिलने वाले 25 प्रतिशत आरक्षण कोटे के अंतर्गत निजी स्कूलों में दाखिला और मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल थे। पीठ ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे आगामी चार सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करें, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि अनाथ बच्चों को वंचित समूहों की श्रेणी में शामिल कर उन्हें आरटीई एक्ट की धारा 12(1)(सी) के तहत दाखिला मिलेगा।

इसके अलावा कोर्ट ने सभी राज्यों से यह भी कहा है कि वे अपने-अपने राज्यों में यह सर्वेक्षण कराएं कि वहां कितने अनाथ बच्चे हैं और उनमें से कितनों को स्कूलों में दाखिला मिला है। राज्यों को यह जानकारी एकत्र कर कोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दिया 4 सप्ताह का समय

सुनवाई के दौरान पीठ ने यह भी बताया कि दिल्ली, गुजरात, मेघालय, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने पहले ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बाकी राज्यों से कहा है कि वे भी इन्हीं की तरह 4 सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करें और इसकी जानकारी कोर्ट को दें।

कोर्ट के इस फैसले से हजारों अनाथ बच्चों को लाभ मिलेगा और उन्हें पढ़ाई का पूरा अवसर मिल सकेगा। यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सामाजिक पहल मानी जा रही है।


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