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दिल्ली में साइबर ठगी का खुलासा, अफ्रीकी नागरिक गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस को शाहदरा जिले में साइबर ठगी के एक बड़े मामले में महत्वपूर्ण सफलता मिली है

दिल्ली में साइबर ठगी का खुलासा, अफ्रीकी नागरिक गिरफ्तार
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100 से अधिक महिलाओं को ठगने वाला विदेशी आरोपी पकड़ा गया

  • हैलो टॉक ऐप से फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगी, शाहदरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई
  • महिलाओं को निशाना बनाकर इमिग्रेशन के नाम पर वसूली, आरोपी के खिलाफ केस दर्ज

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस को शाहदरा जिले में साइबर ठगी के एक बड़े मामले में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। शाहदरा पुलिस स्टेशन की साइबर टीम ने 29 वर्षीय अफ्रीकी नागरिक स्टीफन उर्फ केसी डोमिनिक को तिलक नगर से गिरफ्तार किया।

आरोपी ने हैलो टॉक ऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर खुद को यूके में बसे कोरियाई आभूषण व्यवसायी 'डक यंग' के रूप में पेश किया और 100 से अधिक महिलाओं को ठगा। वह व्यक्तिगत संबंध और व्यावसायिक सहयोग का झूठा वादा देकर महिलाओं को अपने जाल में फंसाता था। मामले का खुलासा तब हुआ जब सुश्री अंजलि ने शिकायत दर्ज की। उसने बताया कि वह हैलो टॉक ऐप के जरिए 'डक यंग' के संपर्क में आईं। आरोपी ने दावा किया कि वह मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचा है, लेकिन बिना मेडिकल सुविधा कार्ड के भारत आने के कारण उसे आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया।

इसके बाद, अंजलि को दो भारतीय मोबाइल नंबरों से कॉल आए, जहां कॉल करने वालों ने खुद को आव्रजन अधिकारी बताकर मंजूरी के लिए पैसे मांगे। इस शिकायत पर एफआईआर नंबर 82/25, दिनांक 24.09.2025, धारा 318(4)/61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर अमित धानी के नेतृत्व में शाहदरा साइबर पुलिस की एक टीम ने तकनीकी निगरानी और सीडीआर/आईपीडीआर विश्लेषण के जरिए आरोपी को तिलक नगर के न्यू महावीर नगर से गिरफ्तार किया।

इस टीम में एएसआई अनिरुद्ध, हेड कांस्टेबल संदीप, विकास, धर्मेंद्र और महिला कांस्टेबल मनीषा शामिल थीं। इंस्पेक्टर विजय कुमार, एसएचओ, और एसीपी मोहिंदर सिंह के मार्गदर्शन में जांच तेज की गई। आरोपी के मोबाइल फोन से वह हैलो टॉक ऐप और फर्जी प्रोफाइल बरामद हुआ, जिसका इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया था।

जांच में पता चला कि वह भारत भर की 100 से अधिक महिलाओं से इसी तरह की चैट कर रहा था। स्टीफन, जो मूल रूप से नाइजीरियाई नागरिक है, ने 2019 में आइवरी कोस्ट का पासपोर्ट बनवाकर छह महीने का पर्यटक वीजा लिया था। वीजा समाप्त होने के बाद भी वह अवैध रूप से भारत में रहा और साइबर ठगी में लिप्त हो गया। उसने अविवाहित महिलाओं को निशाना बनाया, झूठी कहानियां गढ़ीं और अपने साथियों के साथ मिलकर इमिग्रेशन अधिकारियों के नाम पर पैसे वसूले। बरामद मोबाइल फोन में ठगी से जुड़े सबूत मिले।

पुलिस उपायुक्त प्रशांत प्रिया गौतम ने बताया कि यह साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई है। आगे की जांच जारी है, और इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा।


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