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सीबीआई अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों को सात साल कैद की सुनाई सजा

2009 के घाटकोपर हिरासत में हुई मौत के मामले में सीबीआई अदालत ने सजा का फैसला सुनाया

सीबीआई अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों को सात साल कैद की सुनाई सजा
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मुंबई। 2009 के घाटकोपर हिरासत में हुई मौत के मामले में सीबीआई अदालत ने सजा का फैसला सुनाया। इस मामले में कोर्ट ने दो पुलिस अधिकारियों को सात साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई।

हिरासत में हुई मौत के एक मामले में मुंबई की सीबीआई अदालत ने मंगलवार को घाटकोपर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक संजय सुदाम खेडेकर और तत्कालीन मुख्य निरीक्षक रघुनाथ विठोबा कोलेकर को दोषी ठहराया। अदालत ने सात साल की कैद और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

मेहरुनिस्सा कादिर शेख द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका में अदालत के आदेश पर सीबीआई एससीबी, मुंबई ने 27 नवंबर 2009 को अल्ताफ कादिर शेख की मृत्यु से संबंधित मामला दर्ज किया था। यह आरोप लगाया गया था कि मृतक को घाटकोपर पुलिस स्टेशन मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधिकारियों द्वारा हिरासत में यातना दिए जाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।

जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 30 दिसंबर 2010 को संजय सुदाम खेडेकर, पीएसआई (ए-1), रघुनाथ विठोबा कोलेकर, हेड कांस्टेबल (ए-2) और सयाजी बापूराव थोम्बरे, पुलिस नायक (ए-3) (सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई और उसके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

बता दें कि पिछले महीने पटना की सीबीआई अदालत ने तत्कालीन डिप्टी कमांडेंट आनंद कुमार (मृत्यु हो गई), असिस्टेंट कमांडेंट विजय कुमार झा और एसआई अपूर्वा सरकार (दोनों 19वीं बटालियन, एसएसबी, बथनाहा, फारबिसगंज) को 24 लाख रुपए मूल्य के जब्त माल की हेराफेरी के लिए 50 हजार रुपए प्रत्येक के जुर्माने के साथ एक वर्ष के कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई।

सीबीआई ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर यह मामला दर्ज किया। इसमें आरोप लगाया गया कि आनंद कुमार, विजय कुमार झा और एसआई अपूर्वा सरकार ने वर्ष 2009 के दौरान आपस में एक आपराधिक साजिश रची और लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी और बेईमानी से उनके द्वारा जब्त किए गए लगभग 24 लाख रुपए मूल्य के एक ट्रक सुपारी का गबन किया।

जांच के बाद सीबीआई ने 13 जुलाई 2012 को तत्कालीन डिप्टी कमांडेंट आनंद कुमार (मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई), असिस्टेंट कमांडेंट विजय कुमार झा और सब-इंस्पेक्टर अपूर्व सरकार के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। कोर्ट ने आरोपियों पर लगे आरोपों को सही पाया और उन्हें दोषी ठहराया और सजा सुनाई।


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