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राष्ट्रीय लोक अदालत में 27 साल पुराने मामले का हुआ निपटारा, 1998 से चल रहा था मुकदमा

राष्ट्रीय लोक अदालत शनिवार को लगी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने मामलों को लेकर पहुंचे। बिहार के मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत में 27 साल पुराने एक मामले का निष्पादन सुलह करवाकर किया गया

राष्ट्रीय लोक अदालत में 27 साल पुराने मामले का हुआ निपटारा, 1998 से चल रहा था मुकदमा
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मुजफ्फरपुर। राष्ट्रीय लोक अदालत शनिवार को लगी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने मामलों को लेकर पहुंचे। बिहार के मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय लोक अदालत में 27 साल पुराने एक मामले का निष्पादन सुलह करवाकर किया गया।

पूरा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है। यहां 27 साल पुराने एक मामले को सुलह के जरिए खत्म किया गया है। केस करने वाले शख्स की मौत हो चुकी है। अब उसकी बेटी ने कोर्ट में सुलहनामे पर हस्ताक्षर किए और मामले को खत्म किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव जय श्री कुमारी ने बताया कि मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत में 1998 के केस नंबर 166 में महादेव दास का 27 वर्ष पुराना केस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह के जरिए समाप्त हो गया। बेंच नंबर 24 में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ज्योति कुमारी के समक्ष यह सुलह हुआ।

मामले की शुरुआत 1998 में हुई थी। तब महादेव दास नाम का एक शख्स किसी काम से कहीं जा रहा था। इस दौरान गांव के ही कुछ लोगों ने उसके साथ बदतमीजी की और उसके साथ लूटपाट की। उसके पास जो भी पैसे थे, छीन लिए गए। इससे महादेव दास बहुत आहत हुआ।

महादेव दास के परिजनों और रिश्तेदारों ने उसे चुप रहने की सलाह दी थी, लेकिन वह अपने साथ हुई बदतमीजी और लूटपाट को भूल नहीं पा रहा था। इसके बाद महादेव दास ने न्यायपालिका पर भरोसा जताया और पुलिस थाने में जाकर केस दर्ज करवा दिया।

हालांकि, अदालत से न्याय मिलने में काफी वक्त लगा। तारीख पर तारीख पड़ती रही और मामले की सुनवाई चलती रही। न्याय की उम्मीद में कोर्ट पहुंचने वाले महादेव दास की मौत हो गई, लेकिन उनका केस लगातार चलता रहा।

राष्ट्रीय लोक अदालत में जब यह मुद्दा पहुंचा तो अधिकारियों द्वारा इसका संज्ञान लिया गया। जब पूरी जानकारी एकत्र की गई, तो पता चला कि महादेव दास का निधन हो चुका है। उनके परिवार में सिर्फ एक बेटी थी, जिसकी शादी हो चुकी है और वह अपने ससुराल में रहती है।

राष्ट्रीय लोक अदालत में महादेव दास की बेटी को बुलवाया गया और अधिकारियों के सामने सुलह करवाकर मामले को खत्म किया गया।


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