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सभी समुदायों और समाज की सहमति से बनना चाहिए कानून-विनय कुमार माथुर

सामान्य नागरिक संहिता पर ईशान संस्थान में सेमिनार का हुआ आयोजन

सभी समुदायों और समाज की सहमति से बनना चाहिए कानून-विनय कुमार माथुर
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ग्रेटर नोएडा। ईशान इंस्टीट्यूट संस्थान, यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट ऑफ इंडिया पर सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त विनय कुमार माथुर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय मुख्य अतिथि एवं एडीजे और सचिव डी.एल.एस.ए. राजीव कुमार वत्स, गौतम बुद्ध नगर एवं प्रो. डॉ. के.के. द्विवेदी डीन, विधि संकाय, जीबीयू, ग्रेटर नोएडा विशिष्ट अतिथि रहे।

प्रारंभ में संस्थान के अध्यक्ष डॉ. डी. के. गर्ग एवं प्राचार्य डॉ. एम खारुवाला ने सभी का अभिनंदन किया। अभिनंदन व्याख्यान में डॉ. डी.के. गर्ग ने यूनिफार्म सिविल कोड के पक्ष एवं विपक्ष के बारे में चर्चा की।

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उन्होंने कहा कि समरसता से ही राष्ट्र का विकास संभव है, हमें एकजुट होकर राष्ट्र की प्रगति के लिए कार्य करना चाहिए। डॉ. एम. खेरूवाला ने कहा कि हमें सभी का सम्मान करना होगा और समरसता से समाज का विकास होगा। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति, सेवानिवृत्त विनय कुमार माथुर ने कहा सभी समुदायों और समाज की सहमति से कानून बनना चाहिए जिसके देश का उत्थान हो सके।

ए.डी.जे. जस्टिस राजीव कुमार वत्स ने एक समान सिविल संहिता के विषय में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय एवं केंद्र- राज्य सरकार के द्वारा समय समय उठाए गए कदमों के उपबंधों के विषय में व्याख्यान दिया।

इस विषय पर समाज के सभी वर्गों के सहयोग के द्वारा ही एक समान सिविल सहिता के लक्ष्य संभव हो सकता है। प्रो. डॉ. के. के. द्विवेदी ने अपने व्याख्यान के द्वारा विद्यार्थियों से कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी समाज के लोगों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। इस कानून का उद्देश्य विभिन्न समुदायों और के मतभेदों को खत्म करना है, भारत और समाज के विकास के लिए कार्य करें।

इस दौरान आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया।


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