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झूठे सिविल मामलों में विधि मंत्रालय ने लिया संज्ञान

न्यायालयों में प्रस्तुत होने वाले झूठे सिविल मामलों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े दंडात्मक प्रावधान निर्मित करने की जरूरत

कोरबा न्यायालयों में प्रस्तुत होने वाले झूठे सिविल मामलों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े दंडात्मक प्रावधान निर्मित करने की जरूरत बताते हुए जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इस पर संज्ञान लेते हुए सुझाव पर उचित विचार के लिए विधि मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के सेके्रटरी जनरल को पत्र अग्रेषित किया है।

उल्लेखनीय है कि इसी साल के फरवरी माह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रेषित पत्र में जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने अवगत कराया कि न्यायालयों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या का एक प्रमुख कारण झूठे सिविल वादों को प्रस्तुत किया जाना भी है। शासकीय भूमि, बड़े झाड़ के जंगल के मद की शासकीय भूमि, पार्क के लिए छोड़ी गई भूमि को मिथ्या रूप में आबादी भूमि, निजी भूमि स्वामी की भूमि के आधार पर उक्त भूखंडों को हड़पने की कुनियत से चतुराई कर, दुर्भिसंधि कर, व्यवसायिक दुराचरण कर, वास्तविक तथ्यों को छिपाकर न्यायालयों से छल कपट कर, आवश्यक पक्षकार न बनाकर केवल आम जनता का उल्लेख कर, मामलों को एकपक्षीय कर, झूठे सिविल मामले प्रस्तुत किया जाना अत्यंत जोरों पर है।

इसी प्रकार व अन्य प्रकार से भी झूठे सिविल वाद प्रस्तुत हो रहे हैं। इस तरह झूठे सिविल वाद प्रस्तुत होने से न्यायालयों में प्रकरणों का अंबार है, न्यायालय की प्रक्रिया, आदेशिका का दुरूपयोग हो रहा है और न्यायालयों का महत्वपूर्ण व बहुमूल्य समय बर्बाद होता है। प्रतिवादी/विरोधी पक्षकारों को अनावश्यक मानसिक व शारीरिक पीड़ा से पीड़ित होना पड़ता है। प्रतिवादी/विरोधी पक्षकारों को आर्थिक क्षति होती है व अनावश्यक समय बर्बाद होता है तथा विभिन्न प्रकरणों में उलझना पड़ता है एवं परेशानी झेलनी पड़ती है।

श्री अग्रवाल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उपरोक्त समस्त परिस्थितियों में, विषयांतर्गत यथाशीघ्र पहल किया जाना अतिआवश्यक है ताकि झूठे मामलों को न्यायालयों में प्रस्तुत करने का कोई दुस्साहस न कर सके। उपरोक्त पत्र के संदर्भ में भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के सचिव जेड ए खान के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को सुझाव पर उचित विचार के लिए पत्र अग्रेषित किया गया है। उक्त कार्रवाई की सूचना से श्री अग्रवाल को भी अवगत कराया गया है।


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