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आध्यात्म व सेवा सदन मेले का शुभारंभ

 हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला के दूसरे दिन का आरम्भ आचार्य वंदन से शुरू हुआ जिसमें लगभग 150 विद्यालयों के 840 गुरूओं का उनके शिष्यों के द्वारा सम्पूर्ण विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया

आध्यात्म व सेवा सदन मेले का शुभारंभ
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गाजियाबाद। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला के दूसरे दिन का आरम्भ आचार्य वंदन से शुरू हुआ जिसमें लगभग 150 विद्यालयों के 840 गुरूओं का उनके शिष्यों के द्वारा सम्पूर्ण विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। पूजन उत्तर भारत में हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेलों के प्रमुख सोमकांत ने वैदिक रीति से संपन्न कराया।

पूजन कराते समय उन्होंने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक शिष्य अपने गुरु को ख्याति व सम्मान देता है। शिष्यों ने अपने आचार्य को माला पहनाकर तिलक लगाकर वह अंग वस्त्र वस्त्र देकर उनकी वंदना की। ब्रह्मा देवी विद्यालय हापुड़ की बालिकाओं द्वारा इस अवसर पर तैयार किया विशेष सांस्कृतिक गीत भी गाया गया।

इस अवसर पर अध्ययन-अध्यापन के अतिरिक्त अन्य विधाओं के सत्यदीप ओलंपियन तीरंदाजी, मनोज व गुरुदेव एथिलेटिक्स, हरिदत्त संगीत, गणेश दत्त , संस्कृत आचार्य का भी उनके शिष्यों द्वारा वंदन किया गया। कार्यक्रम के अतिथि नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमैन बलदेव भाई शर्मा ने अपने वक्तव्य में गुरु शिष्य के संबंधों पर विस्तृत प्रकाश डाला और कहा कि यह कार्यक्रम विद्यालय योजना का हिस्सा भी होना चाहिए।

मुख्य अतिथि स्वामी शांतात्मानंद महाराज ने आचार्य वंदना का महत्व बताते हुए कहा कि शिक्षा सबको अपने पैरों पर खड़ा होने की क्षमता देती है। हमें हमेशा शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और शिक्षकों का भी एक ही उद्देश्य होना चाहिए । छात्रों का कल्याण। इस मेले का यह अनूठा आयोजन कई शिक्षकों छात्रों और उपस्थित गणमान्यों को भाव विभोर कर गया।

कार्यक्रम में अखिल भारतीय समन्वयक हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला गुणवंत कोठारी समिति के अध्यक्ष, दिनेश अरोड़ा उपाध्यक्ष, ललित जायसवाल सचिव, राहुल सिंह कार्यक्रम के संयोजक विपिन राठी, कैलाश चंद गंगाराम सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


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