Top
Begin typing your search above and press return to search.

बीएचयू में छात्राओं पर लाठीचार्ज की देश भर में निंदा, कटघरे में मोदी- योगी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचनक्षेत्र वाराणसी में छेड़खानी का विरोध कर रही बनारसहिन्दू विश्वविद्यालयबीएचयू कीछात्राओं पर पुलिस लाठी चार्ज की पूरे देश में निंदाहो रही है

बीएचयू में छात्राओं पर लाठीचार्ज की देश भर में निंदा, कटघरे में मोदी- योगी सरकार
X

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचनक्षेत्र वाराणसी में छेड़खानी का विरोध कर रही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय बीएचयू कीछात्राओं पर पुलिस लाठी चार्ज की पूरे देश में निंदाहो रही है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि “केवल एक बर्बर सरकार ही छात्राओं पर पुरुष पुलिस से लाठीचार्ज करवा सकती है। भाजपा-आरएसएस छात्रों से इतना डरते क्यों हैं।“

येचुरी ने कहा “मोदी ने कहा "बेटी बचाओ"। हमें नहीं पता था कि इसका मतलब है कि महिला छात्रों को उनकी सरकारों की क्रूरता से बचाया जाना चाहिए। यह स्वयं उनके लोकसभा चुनाव क्षेत्र में है।“

ट्विटर पर #UnSafeBHUव #अबकी_बार_बेटी_पर_वारहैशटैग चल रहा है

#Sanjay Sri @sanjay73sri ने लिखा

“ड्रामाबाज मोदी आज मन की बकवास करेगा नवरात्र करने का ड्रामा करता है और नवरूपी लड़कियों पर लाठी बरसाता है।“

वरिष्ठपत्रकार और बीएचयू केपूर्व छात्रसंघ अध्यक्षचंचलजीने लिखा –

विश्वविद्यालय की अनिश्चित कालीन बन्दी,प्रशासन की हार होती है। छात्रावासों के कमरों पर विश्वविद्यालय का ताला लगेगा। हमलोंगो के जमाने मे 2 लाख के तालों की खरीद होती थी। डेढ़ लाख पोस्टल खर्च होता था। हर छात्र के घर दो स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री भेजी जाती थी उसमें प्रशासन यह बताता था कि गलती हमारी नहीं है छात्रों की है इस लिए विश्वविद्यालय को बंद करना पड़ रहा है। छात्र छात्राएं हाथ उठा देते थे,किराया नहीं है, विश्वविद्यालय देता था। सरकार का यह खर्च और अध्यापक पिकनिक पर रवाना।

विश्विद्यालय मत बंद होने देना।“

चंचल जी ने लिखा

“काशी विश्वविद्यालय में पुलिस फायरिंग और लाठीचार्ज का मुख्य आरोपी है प्रधानमंत्री। प्रधान मंत्री को यह मालूम था कि छात्राएं छेड़खानी से आजिज आकर गेट पर बैठी हैं। प्रधानमंत्री के एक छोटे से आश्वासन से विरोध और प्रदर्शन रफा दफा हो जाता। लेकिन खुद प्रधानमंत्री का काफिला रास्ता बदल कर निकल गया। नतीजा यह रहा कि मूर्ख कुलपति, भिखमंगा प्रशासन दोनों ने मिल कर यह प्रधानमंत्री के पलायन को मूक संदेश मान कर बर्बरता के रास्ते पर चल पड़ा। कैम्स की बिजली काट दी गई, छात्राओं को दौड़ा दौड़ा कर छात्रवास केकमरों में पीटा गया।“

कल केलिए पत्रिकाकेसंपादक जय नारायण बुधवार ने लिखा –

“सत्ता अहंकारी और दमनकारी ही होती है।यहीं से उसके पतन का द्वार भी खुलता है।“

पत्रकार अरविंद शेष ने लिखा -

“बनारस में अब सबसे पहले तुरंत वहां सभी गैर-भाजपाई राजनीतिक दलों को एक-एक लड़की की सुरक्षा हर हाल में तय करने के लिए सड़क पर उतर जाना चाहिए। वरना वहां अगर एक भी लड़की किसी भी अपराध का शिकार होती है तो उसके अपराधी बाकी राजनीतिक दल भी होंगे..!”

जेएनयू छात्रसंघ केपूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी ने लिखा

“गजब का कुतर्क चल रहा है,देश में मोदी चाहिए लेकिन जमीन पर गुंडागर्दी नहीं चाहिए,अरे,मोदीजी के लठैत हैं भारत के गुंडे।गुंडागर्दी और मोदी का चोली-दामन का साथ है।“

उन्होंने लिखा

“घिन आती है जब लड़कियों के साथ छेड़खानी करने वालों की रक्षा में वीसी चुप रहे,एफआईआर तक दर्ज न कराए, पीड़ित छात्राओं से न मिले, उलटे लाठीचार्ज करवाए,यह तो गुंडागर्दी की हिमायत है।“

साहित्यकार अरुण माहेश्वरी ने लिखा -

“बीएचयू में छात्रों पर लाठी चार्ज। छात्र माँग कर रहे थे कि उप-कुलपति आकर प्रताड़ित छात्राओं को आश्वस्त करे। लगता है भाजपा ने भारत के तमाम छात्रों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है।“

इतिहासकार आलोक वाजपेयी नेलिखा –

“बीएचयू की घटना को समझिये। ये महिलाओं के लिए कैसा मुल्क बनाना चाहते हैं। ये बुरी तरह नंगे हो रहे हैं। बुझने के पहले फड़फड़ा रही है घृणा की सोच।

सलाम बहादुर लड़कियों।“

अभिषेक ओझा ने लिखा –

“बेशर्मी की हद हो गयी।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले ही,बेटी को जानवर की तरह पीटने का आदेश दे दिए।भूल गए कि नारी है तो हम हैं, नारी नहीं तो हम नहीं”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it