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पिछले साल एनएचएआई ने दो दशक में सबसे ज्यादा ठेके दिए

एनएचएआई ने दावा किया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में उसने करीब सवा लाख हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए है जो दो दशकों के दौरान दिए गए ठेकों में सबसे ज्यादा हैं।

पिछले साल एनएचएआई ने दो दशक में सबसे ज्यादा ठेके दिए
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नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दावा किया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में उसने करीब सवा लाख हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए है जो दो दशकों के दौरान दिए गए ठेकों में सबसे ज्यादा हैं।

एनएचएआई का कहना है कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान उसने 7400 किलोमीटर लम्बी सड़कों के निर्माण के लिए 150 परियोजनाओं का ठेका दिया है।

इन परियोजनाओं की लागत कुल एक लाख 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गयी है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान उसने जितनी परियोजनाओं के निर्माण के लिए ठेके दिए हैं वे 1995 के बाद सबसे ज्यादा हैं। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के शुरूआती दो माह के दौरान सरकार की 3000 किलोमीटर लम्बी सड़कों का ठेके देने की तैयारी चल रही है।

प्राधिकरण ने ईपीसी यानी इंजीनियरिंग, संवर्द्धन और निर्माण के तहत 3791 परियोजनाओं का ठेका दिया है। इस अवधि में जितनी परियोजनाओं के निर्माण का काम दिया गया है वे सब भारतमाला परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद की है।

भारतमाला कार्यक्रम के बाद 232 परियोजनाओं के माध्यम से एक लाख 96 हजार करोड़ रुपये के निर्माण कार्य का ठेका दिया गया है। इन 232 परियोजनाओं के जरिए देश में कुल 11200 किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण किया जाना है।

एनएचएआई का कहना है कि जिन सड़क परियोजनाओं के निर्माण के ठेके दिए जा रहे हैं उन पर काम जल्द से जल्द पूरा हो इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी साथ-साथ किया जा रहा है। इस काम में सेवानिवृत्त अधिकारियों की तैनाती की गयी है।

निर्माण कार्य को गति मिले इसकी निगरानी के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है। कुछ राज्यों में भूमि अधिग्रहण के कार्य में देरी हो रही है और उसे पूरा करने में यह टीम मदद कर रही है। इसके साथ ही एनएचएआई ने वहां की सरकारों से भी सहयोग का अनुरोध किया है।

समाप्त वित्त वर्ष के दौरान जिन परियाजनाओं के ठेके दिए गए हैं उनमें राज्स्थान में 1234 किलोमीटर लम्बी सडक़ों का ठेका तथा महाराष्ट्र में 747 किलोमीटर, उत्तर प्रदेश में 511 किलोमीटर, कर्नाटक में 449 किमी, मध्य प्रदेश में 331 किमी तथा तमिलनाडु की 504 किमी लम्बी सडक परियोजनाएं शामिल हैं।

एनएचएआई ने इस वर्ष जनवरी तक लगभग 1,75,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 10,460 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं की निविदाएं आमंत्रित की थीं।

मंत्रालय का कहना है कि उसका ध्यान काम की गति को बढ़ाना है और इसके लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले पांच वर्षों में एनएचएआई द्वारा ठेके पर दी गई सड़क परियोजनाओं की औसत लंबाई 2860 किलोमीटर से 2017-18 में बढ़कर 4,335 किलोमीटर हो गयी।

निर्माण कार्य को गति देने के लिए मंत्रालय ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत मुख्‍य अभियंता-क्षेत्रीय अधिकारी को अलग से अधिकार दिए गए हैं।

इन अधिकारियों को परियोजना के क्रियान्‍वयन का अधिकार देने के साथ ही रखरखाव एवं मरम्‍मत के तहत प्रशासकीय एवं वित्‍तीय मंजूरी, नवीकरण तथा मार्ग गुणवत्‍ता सुधार कार्यक्रम आदि के भी अधिकार दिए गए हैं।


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