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करणी सेना प्रमुख गोगामेड़ी का अंतिम संस्कार आज

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा।

करणी सेना प्रमुख गोगामेड़ी का अंतिम संस्कार आज
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जयपुर। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा। गुरुवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद गोगामेड़ी का शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिवार और समाज के लोग पार्थिव शरीर को राजपूत सभा भवन ले गए, जहां बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए।

इसके बाद यहां से श्रद्धांजलि मार्च निकला और जगह-जगह हजारों की संख्या में लोगों ने पुष्प वर्षा की। यात्रा भवानी निकेतन, चौमूं, रींगस, सीकर, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर, चूरू, तारानगर, साहवा, भादरा होते हुए उनके निवास स्थान गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) पहुंचेगी, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।

गोगामेड़ी हत्याकांड मामले में 11 सूत्री मांगों पर सहमति बनी है। जांच एनआईए को सौंपने की सिफारिश के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम कराने को तैयार हुए। मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है। गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने हत्या का मामला दर्ज कराया है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति ने सीएम और डीजीपी से तीन बार पुलिस सुरक्षा मांगी, लेकिन नहीं दी गई। इस मामले में श्याम नगर एसएचओ मनीष गुप्ता, बीट प्रभारी और बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। दूसरी एफआईआर उस स्कूटर सवार ने दर्ज कराई है, जो शूटरों की गोलीबारी में घायल हो गया था और उसकी स्कूटी छीन ली गई थी।

इससे पहले बुधवार को करणी सेना ने गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में राजस्थान बंद का आह्वान किया था, जिसका असर पूरे राज्य में देखने को मिला। बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में तोड़फोड़ की। जयपुर के गोपालपुरा, त्रिवेणी नगर और मानसरोवर में तोड़फोड़ हुई। कई चौराहों पर टायर जलाए गए और कई जगहों पर ट्रेनें रोकी गईं।

हत्याकांड के बाद बनी कमेटी ने प्रशासन और पुलिस से तीन बार बातचीत की, लेकिन मामला नहीं सुलझ सका। पहली बातचीत बुधवार दोपहर करीब 2.30 बजे हुई। बैठक में राजपूत समाज के पदाधिकारी एवं पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ एवं अतिरिक्त आयुक्त कुंवर राष्ट्रदीप एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए।

पहली वार्ता में पदाधिकारियों ने करीब दो दर्जन मांगें रखीं। इसके बाद कमिश्नर ने सचिवालय स्तर के अधिकारियों से बात की और दूसरी वार्ता बुलाई गई, लेकिन कुछ मांगों पर सहमति नहीं बनने के कारण असफल रही। अधिकारियों से दोबारा बातचीत के तुरंत बाद देर शाम तीसरी बैठक बुलाई गई, जिसमें जांच एनआईए को सौंपने समेत 11 सूत्री मांगों पर सहमति बनी।


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