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सावन के अंतिम सोमवार, बैद्यनाथ धाम में उमड़े शिवभक्त​​​​​​​

भगवान शिव के ज्योतिर्लिगों में से एक झारखंड के देवघर स्थित कामना ज्योतिर्लिंग (बैद्यनाथ धाम) सहित बिहार और झारखंड के अन्य शिवमंदिरों में सावन के अंतिम सोमवार और पूर्णिमा के मौके पर भक्त

सावन के अंतिम सोमवार, बैद्यनाथ धाम में उमड़े शिवभक्त​​​​​​​
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पटना । भगवान शिव के ज्योतिर्लिगों में से एक झारखंड के देवघर स्थित कामना ज्योतिर्लिंग (बैद्यनाथ धाम) सहित बिहार और झारखंड के अन्य शिवमंदिरों में सावन के अंतिम सोमवार और पूर्णिमा के मौके पर भक्त 'बम-बम भोले' और 'हर-हर महादेव' के गगनभेदी उच्चारण के बीच जलाभिषेक कर रहे हैं। देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम शिवालय में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। बैद्यनाथ धाम में शिवभक्त ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक के लिए देर रात से ही कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।

बिहार के सुल्तानगंज से गंगा का पवित्र जल लेकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर कांवड़िये (शिव भक्त) बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं और कामना लिंग पर जलाभिषेक करते हैं। तड़के करीब चार बजे विशेष पूजा के बाद से ही यहां भक्तों ने बारी-बारी ज्योतिलिर्ंग पर वाह्य अरघा जलार्पण व्यवस्था के तहत जलाभिषेक करना शुरू किया।

सावन के महीने में देश के कोने-कोने से श्रद्घालु बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करने आते हैं।

बैघनाथ धाम के एक पुजारी जयकुमार द्वारी पंडा का कहना है कि पौराणिक मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की भक्तों पर खास पा होती है। बाबा भोले की पूजा करने से भक्तों को सुख, शांति और समृद्घि की प्राप्ति होती है।

देवघर जिला जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि सुबह 11 बजे तक 25 हजार से ज्यादा कांवड़िये कामना लिंग पर जलाभिषेक कर चुके हैं तथा कांवड़ियों का आने का सिलसिला जारी है।

बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रशासन के मुताबिक सोमवार की रात चंद्रग्रहण के कारण शाम सात बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। इस कारण लोग सोमवार को सात बजे तक ही बाबा पर जलाभिषेक कर सकेंगे।

देवघर के उपायुक्त (जिलाधिकारी) राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि दोपहर के बाद धार्मिक अनुष्ठान के बाद वाह्य अघ्र्या प्रणाली की व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी। दो बजे के बाद से श्रद्घालु पूर्व की तरह स्पर्श पूजा कर सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि सावन में भारी भीड़ को देखते हुए अघ्र्या प्रणाली द्वारा जलाभिषेक की व्यवस्था की जाती है।

इधर, बिहार की राजधानी पटना सहित सभी क्षेत्रों के शिवालयों में सावन की अंतिम सोमवारी और पूर्णिमा को लेकर श्रद्घालुओं का तांता लगा हुआ है। पटना के बैकुंठपुर मंदिर, गायघाट के गौरीशंकर मंदिर, पटना सिटी के तिलेश्वर महादेव मंदिर, अलखिया बाबा मंदिर, बोरिंग रोड शिव मंदिर, शिव मंदिर, खजपुरा सहित झारखंड की राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है और लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

इधर, बिहार के मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर, मोतिहारी के सोमेश्वर मंदिर, रोहतास के गुप्ताधाम मंदिर, सोनपुर के हरिहरनाथ मंदिर, अजगैबीनाथ मंदिर, झारखंड के वासुकीनाथ मंदिर सहित सभी शिवालयों में भी सुबह से ही भक्त जुट रहे। सभी शिवालय बोलबम के नारे से गूंज रहे हैं। पूर्णिमा और अंतिम सोमवारी को देखते हुए प्रमुख शिवालयों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।


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