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मप्र के विकास के लिए चलेगी आखिरी सांस : शिवराज

मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन में बिना तथ्यों के ही अपनी बात रखी

मप्र के विकास के लिए चलेगी आखिरी सांस : शिवराज
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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन में बिना तथ्यों के ही अपनी बात रखी। साथ ही वादा किया कि उनकी आखरी सांस विकास और जनकल्याण के लिए चलेगी।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चल रही चर्चा पर विपक्ष के आरोपों का मुख्यमंत्री चौहान ने सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश का कर्ज बहुत अधिक बढ़ गया है। वर्ष 2003 में ब्याज का भुगतान संपूर्ण राजस्व प्राप्ति का 22़ 44 प्रतिशत था जो अब घटकर केवल 8़ 25 प्रतिशत रह गया है। इससे स्पष्ट है कि आय की तुलना में ऋण काफी कम बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दस वर्षो के कार्यकाल में प्रति व्यक्ति आय 6577 रुपये से बढ़कर 13722 रुपये यानी दोगुनी हुई, जबकि वर्तमान सरकार के 15 वर्ष की अवधि में छह गुना बढ़कर 72 हजार 599 हो गई है। इसी तरह वर्ष 2016-17 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 6 लाख 40 हजार करोड़ रुपये हो गया है, जो वर्ष 2003 में केवल 98 हजार करोड़ रुपये था। कांग्रेस सरकार के दस सालों में प्रदेश की जीएसडीपी 3़3 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी जबकि वर्तमान सरकार के 15 वर्ष में यह वृद्घि दर नौ प्रतिशत रही।

चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश के विकास के लिए जो भी संभव होगा राज्य सरकार करेगी। हम सबके विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, इसमें प्रतिपक्ष साथ चले। सत्ता और प्रतिपक्ष लोकतंत्र के दो पहिए हैं इन्हें रचनात्मक कार्यो में साथ-साथ चलना चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के समय कुल राजस्व का 22 प्रतिशत से अधिक ब्याज के रूप में चुकाया जाता था जबकि आज कुल राजस्व का केवल आठ प्रतिशत ब्याज में खर्च करते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष को तथ्यों के आधार पर बात करना चाहिये। असत्य तथ्यों से प्रतिष्ठा कम होती है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बहनों और बेटियों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। महिला सुरक्षा राज्य सरकार की चिंता का प्रमुख विषय है। राज्य सरकार ने इस दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। महिला अपराध के संबंध में त्वरित एफआईआर लिखने और जांच के निर्देश हैं। बालिकाओं से दुराचार करने वालों को फांसी की सजा का कानून बनाया गया है।


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