लैंडफिल साइट का मॉडल तैयार, एनजीटी में किया जाएगा प्रस्तुत
शहर में कचरे के निस्तारण के लिए सेक्टर-123 में लैंड फिल साइट का निर्माण किया जाना है

नोएडा। शहर में कचरे के निस्तारण के लिए सेक्टर-123 में लैंड फिल साइट का निर्माण किया जाना है। इसके लिए साइट का मॉडल तैयार कर लिया गया है। यह मॉडल प्राधिकरण के पास आ गया है।
मॉडल को आईआईटी दिल्ली से मंजूरी मिल चुकी है। इस मॉडल को एनजीटी में प्रस्तुत किया जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलते ही जमीनी स्तर काम शुरू कर दिया जाएगा।
शहर से प्रतिदिन करीब 650 मेट्रिक टन जैविक कचरा निकलता है। कचरे का निस्तारण सेक्टर-123 में प्रस्तावित लैंड फिल साइट पर किया जाएगा। वर्तमान में सेक्टर-54, 68 व 137 के भूखंडो पर जमा कचरे को साफ करने का काम किया जा रहा है। यहा विंड्रो तकनीक से कचरे को सूखाकर उसका निस्तारण किया जा रहा है। प्राधिकरण का लक्ष्य है कि प्रस्तावित लैंड फिल साइट जीरो डिस्चार्ज हो।
यानी पहुंचने वाले कचरे का निस्तारण इस तरह किया जाए कि कुछ भी शेष न बचे। लिहाजा दो तरीके से यहा काम किया जाएगा। पहला मशीन के जरिए कचरे को अलग किया जाएगा। इसके बाद इसे पूर्ण से निस्तारित कर दिया जाएगा। बची राख को भी पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा।
ऐसे में जरूरी है कि लैंड फिल साइट पर पहुंचने वाले कचरे की मात्रा कम हो। इसके लिए प्राधिकरण ने सेक्टर में कंपोस्ट मशीन के अलावा कचरा घरों में कचरे के निस्तारण की व्यवस्था करने पर विचार किया है। बहराल एनजीटी ने निर्देश दिया था कि साइट का मॉडल तैयार कर छह माह में उसे प्रस्तुत किया जाए।
लिहाजा आईआईटी से मंजूरी के बाद सलाहकार कंपनी ने साइट का मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल को एनजीटी में प्रस्तुत किया जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलते ही यहा काम शुरू किया जाएगा।
बताते चले कि लैंड फिल साइट का निर्माण करीब 25 एकड़ में किया जाएगा। फिलहाल इस साइट के विरोध में आसपास के सोसायटी के हजारों लोग है।


