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भू-माफियाओं के कब्जे में प्राधिकरण की 5000 करोड़ रुपए की जमीन

शहर में 5000 करोड़ रुपए की जमीन भू-माफियाओं के कब्जे में है

भू-माफियाओं के कब्जे में प्राधिकरण की 5000 करोड़ रुपए की जमीन
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नोएडा। शहर में 5000 करोड़ रुपए की जमीन भू-माफियाओं के कब्जे में है। इस जमीन को अवैध निर्माण से मुक्त नहीं कराया जा सका। अभियान चलाकर इसे मुक्त कराने का प्रयास किया जा रहा है। कब्जा प्राप्त यह वह जमीन है जिसका मुआवजा किसान उठा चुके है। पहले चरण में 200 करोड़ रुपए की जमीन से अवैध निर्माण हटाया गया। जमीन पर मॉल, कमर्शियल कांप्लेक्स के अलावा कई छोटे बड़े स्कूल व भू-माफियाओं ने मकानों का निर्माण कर रखा है। भू-माफियाओं को लेकर प्रदेश सरकार सख्त है। प्रशासन द्वारा भू-माफियाओं पर सख्ती बरती जा रही है।

प्राधिकरण ने इसके लिए कमर कस ली है। शहर की करीब 5000 करोड़ रुपए की जमीन भू-माफियाओं के कब्जे में है। यह जमीन भंगेल, बरौला, निठारी, सर्फाबाद, गढ़ी, सलारपुर, सोरखा, नंगलाचरण दास, नया गांव, इलाहाबास, गेझा व एक्सप्रेस-वे से जुड़े गांवों की है। इस जमीन को धारा-4 व 6 के तहत अर्जेसी क्लाज लगाकार अधिग्रहीत किया गया था। बतौर जमीन का मुआवजा भी किसानों को दिया जा चुका है। लापरवाही के चलते खाली जमीन की फेंसिंग नहीं की गई। न ही प्राधिकरण ने यहा कोई अधिसूचित बोर्ड लगाया गया। जो लगाया भी गया उसे भू-माफियाओं द्वारा हटा दिया गया। वर्तमान समय में इन गांवों की जमीन पर मॉल, कर्मशियल कांप्लेक्स, स्कूल व रिहाएशी बिल्डिंग बनी हुई है।

जमीन से जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि यह जमीन उन्होंने सीधे किसान से खरीदी है। ऐसा हो नहीं सकता जबकि यह जमीन पहले ही प्राधिकरण अधिग्रहीत कर चुका है। प्रदेश का शो विंडो होने के चलते यहा बेश कीमती जमीन है। जमीन की कालाबाजारी कर कुछ अधिकारियों व भूू-माफियाओं ने यहा अकूत संपत्ति कमाई। यही वजह रही कि औद्योगिक सिटी की पहचान न पाकर शहर की पहचान आवासीय सिटी के रूप में होने लगी। इस जमीन को मुक्त कराने के लिए अब लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे है। हालांकि प्राधिकरण निति के तहत य्अवैध निर्माण हटाने का पूरा खर्चा भू-माफियाओं द्वारा वसूल किया जाएगा। प्राधिकरण सूत्रों की माने तो 1978 में प्राधिकरण की स्थापना हुई।

उद्योगों के विकास के लिए यहा किसानों से जमीन अधिग्रहीत की गई। जमीन तो प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में शामिल कर ली गई। लेकिन जमीनी स्तर पर अधिकारी कमरो से बाहर तक नहीं निकले। यही वजह रही कि सालों तक जमीन पर अवैध निर्माण चलता रहा। जमीन पर कब्जा कर यहा रिहाएशी इमारत बना दी गई। ऐसे में सरकार द्वारा सख्ती बरतने पर जमीन को खाली कराया जा रहा है।

प्राधिकरण ने बनाई सूची

भू-माफियाओं ने शहर की जिस जमीन पर कब्जा किया है। उसकी एक सूची तैयार की गई है।


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