सर्वेवर्ष 1901 पर आधारित जमीन आंकड़े अद्यतन नहीं
भूमि दस्तावेज काफी पुराने हैं, सर्वे वर्ष 1901 पर आधारित है, उनकी सरकार ने नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरु किया है

बिहार। नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन के आंकड़े अद्यतन नहीं हैं। यह भूमि दस्तावेज काफी पुराने हैं। सर्वे वर्ष 1901 पर आधारित है। उनकी सरकार ने नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरु किया है।
इसके लिए हवाई सर्वेक्षण कराया गया, जो अब पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि इस काम के लिये कर्मियों की संख्या की कमी है, जिसका आकलन किया गया है। इसके लिए 1203 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 2297 सर्वेक्षक अंचल निरीक्षक सह कानूनगो, 22966 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 2406 लिपिक/विशेष लिपिक, 1203 कार्यपालक सहायक, 12 डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं 1203 आईटी ब्वॉय की नियुक्ति के लिए लोक वित्त समिति द्वारा प्रस्ताव किया गया है।
इसके लिए विभाग को तेजी से काम करना होगा फिर मुख्य सचिव के स्तर से इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक कर्मी पूर्णतः बहाल नहीं हो जाते हैं, तब तक एक जिले में प्रयोग के तौर पर कनीय अभियंता को प्रशिक्षण देकर काम कराया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो ऑनलाइन व्यवस्था शुरु हुई है, उसकी लगातार निगरानी जरुरी है। इससे समस्या के समाधान में तेजी का आकलन हो सकेगा। जमीन के प्रति सेंस ऑफ पजेशन लोगों में ज्यादा होते हैं।
यह एक गंभीर विवाद का कारण बन जाता है और घटनाएं हो जाती हैं। नई प्रणाली के आने से व्यवस्था और दुरुस्त की जा सकती है। उन्हें भरोसा है कि लोग इसका लाभ उठाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि नया सर्वे सेटलमेंट का काम दो वर्ष के अंदर कर लिया जाये ताकि इसके बाद चकबंदी भी लागू की जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार की विकास दर दहाई अंक में है।
यदि भूमि संबंधित विवाद खत्म हो जायें तो बिहार विकास की नई ऊंचाई को प्राप्त कर लेगा। कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, साथ ही लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल एवं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, अध्यक्ष राजस्व पर्षद सह सदस्य सुनील कुमार सिंह, गृह, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, निदेशक भू-अर्जन एवं विशेष सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार वीरेंद्र कुमार मिश्र, जिला अधिकारी कुमार रवि, निदेशक भू-अभिलेख एवं परिमाप जय सिंह समेत अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।


