गोचर भूमि पर कर लिया कब्जा
वन विभाग की लापरवाही के चलते ग्रामीण के द्वारा वन भूमि की जमीन को कब्जा किया जा रहा है इस भूमि को ग्रामवासी गोचर के रूप में उपयोग करते है
रतनपुर। वन विभाग की लापरवाही के चलते ग्रामीण के द्वारा वन भूमि की जमीन को कब्जा किया जा रहा है इस भूमि को ग्रामवासी गोचर के रूप में उपयोग करते है लेकिन वन विभाग की उदासीनता की वजह से कुछ लोगो के द्वारा चारा गाह पर अतिक्रमण करते जा रहे । अतिक्रमण होने से चरवाहे भी अब गाय चराने से इंकार कर रहे है।
रतनपुर से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम खैरा में ग्रामीण के द्वारा दबंगई से आवास पारा झाप तालाब से दईहान पारा के बीच 15 एकड़ गोचर जमीन को जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया है विगत 5 साल पहले वन विभाग ने इस जमीन के कुछ हिस्से पर पौधरोपण भी कराया था उक्त भूमि पर वन विभाग के द्वारा पौधरोपण कराने के बावजूद दादागिरी करते हए ग्रामीण के द्वारा गोचर भूमि को पूरी तरह अपने कब्जे में कर लिया था जिस पर ग्रामीणो के द्वारा नायब तहसीलदार रतनपुर शिकायत किया गया तहसीलदार ने गंभीरता से लेते हुये एक साल पहले उस गोचर भूमि को ग्रामीण के अतिक्रमण से मुक्त कराया था लेकिन समय बीतने के साथ ही पुन: दबंगाई करते हुए उक्त ग्रामीण ने उस गोचर भूमि को फिर से अतिक्रमण करते हुए 15 एकड़ में चारो तरफ से फेंसींग तार से घेर कर कब्जा कर लिया है जिस पर वन विभाग के अधिकारी खानापूर्ति करते हुए 15 दिवस पहले ही पीआर जारी करने की बात कह रहे है।
चरवाहे कर रहे इंकार
ग्राम पंचायत खैरा के 15 एकड़ में फैले गोचर भूमि पर दबंगई करते हुए अतिक्रमण कर लेने से गायों को चारा चरने में दिक्कत हो रही है चरवाहे के द्वारा गाय चराने गायो को उक्त भूमि में ले जाया जाता है तो कब्जाधारी के द्वारा गाली गलौच करते हुए मारपीट के लिये उतारू हो जाता है जिस पर चरवाहे के द्वारा अब गायो को चराने के लिये मना किया जा रहा है।
पशुओं को हो रहा नुकसान
चरवाहे के द्वारा गायों को चराने के लिये नहीं ले जाने के कारण जानवरों के मालिको के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है वे अपनी गायों को सुबह घर से छोड़ देते है जिससे वे गाय गोचर में अतिक्रमण हो जाने से वहां न जाकर हरे भरे खेत की ओर मुख कर लेते है जिसमें किसान वर्षा की मार झेलते हुए ले दे कर अपनी फसल को तैयार कर रहे है उस भी अब जानवर जाकर उन फसलो को नुकसान पहुंचा रहे है।
जानवर हो रहे दुर्घटना का शिकार
ग्राम पंचायत खैरा में ग्रामीण के द्वारा दादागिरी करते हुए गोचर भूमी पर कब्जा कर लेने से एवं चरवाहे के द्वारा गायों को नही चराने से जानवर अब रोड में आकर बैठ जाते है जिससे आने जाने वाले राहगीरों को खासा परेशानी उठानी पड़ती है इन जानवरो के द्वारा अव्यवस्थित तरीके से रोड में बैठने की वजह से आये दिन दुर्घटना होती रहती है भारी भरकम वाहनों की चपेट में आकर जानवरों को जान माल का नुकसान भी उठाना पड़ता है।
पंचायत प्रतिनिधि भी बेबस
इस गोचर भूमि पर अवैध अतिक्रमण के सामने ग्राम पंचायत प्रतिनिधि भी बेबस व लाचार नजर आ रहे है वही कब्जाधारी के दबंगई के सामने गांव के लोगों का भी बोलती बंद है एैसे में ग्रामीण के द्वारा खुलेआम. दबंगई करते हुए सैकड़ों एकड़ वन भूमि व गोचर भूमि को हथियाई जा रही है जिस पर अब पंचायत के प्रतिनिधि भी बेबस नजर आ रहे है।
जानकारी नहीं
मेरा क्षेत्र नहीं आता है मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नही है मै पुड़ू वन परिक्षेत्र देखता हूँ मेरा हेडक्वाटर ग्राम खैरा है
वन विकास निगम का परिक्षेत्र
मेरे एरिया में नही आता है वन विकास निगम का परिक्षेत्र है उस परिक्षेत्र को वन विकास निगम को हेंड ओभर किया गया है।
एरिया में नहीं
उस एरिया की मुझे कोई जानकारी नही है मै उस एरिया को नहीं देखता हूँ चौरे जी उस संबंध में जानकारी दे पायेंगे ।
पीआर जारी किया गया
उक्त बेजा कब्जा करने वाले को 15 दिवस पहले पीआर जारी किया गया है अगर वह ग्रामीण कब्जा नही हटाता है तो उच्चाधिकारियो को अवगत कराते हुए दोबारा पीआर जारी किया जायेगा।


