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लालू यादव ने यूपीए काल में किए गए कार्यों के जरिए नीतीश कुमार पर कसा तंज

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव ने बुधवार को यूपीए के शासनकाल में प्रदेश में कराए गए विकास कार्यों के जरिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि हम प्रचार नहीं, बल्कि जमीन पर काम करते थे

लालू यादव ने यूपीए काल में किए गए कार्यों के जरिए नीतीश कुमार पर कसा तंज
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पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव ने बुधवार को यूपीए के शासनकाल में प्रदेश में कराए गए विकास कार्यों के जरिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि हम प्रचार नहीं, बल्कि जमीन पर काम करते थे।

पूर्व रेल मंत्री लालू यादव ने एक प्रेस बयान जारी कर दावा किया कि यूपीए 1 में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बल पर हमने 2004 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के सहयोग से विकास कार्यों के लिए बिहार को 1 लाख 44 करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता दिलाई थी। केंद्र से मिले सहयोग के कारण बिहार में ग्रामीण सड़कें, पुल-पुलिया, बिजली, रेलवे लाइनें, मनरेगा के तहत रोजगार, रेलवे स्टेशन तथा सारण और मधेपुरा में रेल कारखानों का जाल बिछा दिया था।

उन्होंने कहा, हमारे द्वारा यूपीए काल में दिए गए सहयोग राशि से नीतीश कुमार ने अपना चेहरा खूब चमकाया क्योंकि हम प्रचार नहीं बल्कि जमीनी काम करते थे।

उन्होंने आगे सवालिया लहजे में कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं एनडीए के 10 वर्षों में बिहार को कोरी घोषणाओं के अलावा क्या मिला? हमने तो 22 सांसदों के दम पर 2004 से 2009 के बीच पांच वर्षों में ही बिहार को 1 लाख 44 हज़ार करोड़ की सहायता राशि दिलाई, लेकिन ये तो 2014 में 31, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद लेकर भी दिल्ली के सामने हाथ जोड़ कर, गिड़गिड़ा कर झोली फैलाते हैं। लेकिन, तब भी इन्हें कुछ नहीं मिलता। राजधानी में हक मांगना नहीं छीनना पड़ता है।"

राजद नेता लालू यादव ने सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट का भी जिक्र करते हुए कहा कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड दो लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि हमने रेल मंत्री रहते इसकी आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी थी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 1640 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। बिहार में रेल के पहिए का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए एक वरदान साबित हुआ। अब 'मेड इन बिहार' रेल पहिये भारतीय रेलवे की रफ्तार भरने में रिकॉर्ड बना कर देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं।


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