लालू यादव बनाएंगे बिहार में सरकार !
अब देखना होगा कि क्या बिहार में एक बार फिर बन पाती है नीतीश और लालू की सरकार

बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच दरार क्या आई कि आरजेडी ने पूरी तरह से मोर्चा संभाल लिया...और वो नीतीश कुमार को अपने पाले में लाने की कोशिशे कर सरकार बनाने में जुट गई...आरजेडी की इस जद्दोजहद के बीच सवाल उठता है कि सत्ता परिवर्तन का खेल क्या तेजस्वी की रणनीति है...या फिर लालू यादव एक बार फिर सूबे की सियासत को हिलाकर आरजेडी की लालटेन को जलाने के लिए दमभर भर रहे हैं..बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने इस कदर तेज दिखाया कि बीजेपी और जेडीयू गठबंधन को कड़ी टक्कर दे डाली...और अब जब बीजेपी और जेडीयू की दरार को बढ़ाकर सरकार बनाने का मौका मिला, तो लालू यादव एक्टिव मोड में आ गए हैं...सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि रांची के रिम्स का पेइंग वार्ड एक बार फिर सत्ता समीकरण का केंद्र बन गया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल से सक्रिय हो गए हैं. खराब सेहत के बावजूद लालू बिहार में पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. पार्टी के रणनीतिकारों से वो लगातार संपर्क में हैं. दिन में करीब तीन से चार बार बेटे तेजस्वी यादव से बात कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं....दरअसल अरुणाचल प्रदेश में हुई राजनीतिक घटनाक्रम को लालू प्रसाद अपने हाथों से जाने नहीं देना चाहते हैं. इसको लेकर उनकी ओर से खास प्लान बनाया गया है. इसी रणनीति के तहत उन्होंने तेजस्वी यादव को खास निर्देश दिए हैं. इसके बाद ही आरजेडी के सिपहसालारों को दो अलग-अलग मोर्चे पर तैनात कर दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी को कहा गया है कि जनता परिवार के रिश्तों का हवाला देकर जनता दल यूनाइटेड के शीर्ष नेताओं को साधने की कोशिश करें और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक जैसे नेताओं को बयानों के जरिए पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का होमवर्क दिया गया है...इतना ही नहीं लालू यादव ने बीजेपी पर बरसने के साथ नीतीश के दर्द पर मरहम लगाने के निर्देश भी दिए हैं...पार्टी के सभी नेताओं को सोच-समझ कर बोलने और एक-दूसरे के बयान के साथ पार्टी को खड़ी रखने की जवाबदेही दी गई है. दूसरी ओर कहा गया है कि सत्तापक्ष के रूप में बीजेपी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करें...लालू यादव को बिहार की सियासत का किंगमेकर माना जाता है...अबकी बार भी वो इसी भूमिका को अदा करने की कोशिश कर रहे हैं...अब देखना होगा कि क्या बिहार में एक बार फिर बन पाती है नीतीश और लालू की सरकार


