बिहार में महागठबंधन के लिए लालू नहीं थे तैयार, होगा जदयू का विस्तार: शरद यादव
निर्वाचन आयोग की ओर से जदयू के चुनाव चिह्न पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गुट को ही असली करार दिया जाने को लेकर आज पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है
नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग की ओर से जदयू के चुनाव चिह्न पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गुट को ही असली करार दिया जाने को लेकर आज पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। शरद यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने सिंबल को खारिज नहीं किया है और जदयू का विस्तार किया जायेगा।
शरद यादव के इस बयान से स्पष्ट है कि जद(यू) की लड़ाई चुनाव आयोग के आदेश के बाद भी थमी नहीं है और यादव खेमा,नीतीश खेमे से कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है। आज यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में शरद यादव ने खुलासा करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन के लिए लालू यादव तैयार नहीं थे। बाद में उनके कहने पर राजद मुखिया बिहार में महागठबंधन के लिए तैयार हुए थे।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि आज महागठबंधन के नाम पर जीत मिलने के बाद लोगों के सुर बदल गये। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि महागठबंधन के नाम पर वोट मांगते वक्त सुचिता की बात क्यों नहीं की गयी। यादव ने कहा है कि बिहार में महागठबंधन के लिए नीतीश कुमार के बार-बार कहने के बाद भी लालू प्रसाद यादव तैयार नहीं थे और जब मैं भी गया तब लालू यादव तैयार हुए और बिहार में महागठबंधन बना।
शरद यादव ने कहा कि महागठबंधन के लिए लालू यादव ने कहा कि मेरे ऊपर केस चल रहा और मैं तो चुनाव भी नहीं लड़ सकता, फिर हमने विचार विमर्श कर महागठबंधन बनाया और एक मत होकर बिहार में नीतीश कुमार ने जनता के बीच जाकर वोट मांगा। बाद में मैनडेट की परवाह किये बगैर उसे नकार दिया गया और महागठबंधन तोड़ दिया गया।
शरद यादव ने कहा कि मैं हमेशा से ही उसूलों की लड़ाई लड़ता रहा हूं और कुछ भी हो जाये अपने उसूलों से पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ रहा हूं और आगे भी राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।
बता दें कि महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ दोबारा से मिलकर बिहार में नयी सरकार के गठन के नीतीश कुमार के फैसले से नाराज चल रहे जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को बुधवार को दोहरा झटका लगा है। एक ओर चुनाव आयोग ने जहां जनता दल यूनाइटेट पर शरद यादव के दावे को खारिज करते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू को ही असली करार दिया है, वहीं दूसरी ओर राज्यसभा सचिवालय ने जदयू के बागी सांसदों शरद यादव और अली अनवर से स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में क्यों न दोनों सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी जाएं। राज्यसभा सचिवालयने दोनों सांसदों से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।


