ललित सुरजन की कलम से
देशबन्धु के प्रधान संपादक रहे ललित सुरजन की आज 78वीं जयंती है

देशबन्धु के प्रधान संपादक रहे ललित सुरजन की आज 78वीं जयंती है। देशबन्धु परिवार आज अपने मार्गदर्शक को बहुत आदरपूर्वक स्मरण करता है और विनम्र नमन भी।
आज ललित जी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका लेखन आज भी प्रासंगिक है।
प्रगतिशील विचारों के धनी ललित जी ने बेहद ईमानदारी से पत्रकारिता के गहन गंभीर दायित्व को निभाया। ललित जी के जीवन में पत्रकारिता के साथ-साथ साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियां और सामाजिक कार्य सभी समानांतर एक जैसे महत्व के साथ चलते थे। वे एक संवेदनशील, सहृदय इंसान थे और सही मायनों में विश्वनागरिक थे। उनके विराट व्यक्तित्व की ये खूबियां उनके आलेखों, यात्रा वृत्तांतों, उद्बोधनों, संस्मरणों और कविताओं में महसूस की जा सकती हैं।
ललित जी की सुखद, प्रेरणादायी स्मृतियों और उनकी लेखनी की सार्थकता को देशबन्धु आज से अपने पाठकों के साथ साझा करने की शुरुआत कर रहा है। आज से संपादकीय पृष्ठ पर ललित जी के लेखन के चुनिंदा अंश रोजाना प्रकाशित किए जाएंगे, पाठकों की सुविधा के लिए लेख का लिंक और प्रकाशन तिथि भी दी जाएगी, ताकि लेखों को पूरा पढ़ने में सुविधा हो।
- संपादक


