लाल बहादुर शास्त्री को राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति नायडू ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी 114वीं जयंती पर यहां विजय घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की

नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी 114वीं जयंती पर यहां विजय घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, "हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं। उनकी ईमानदारी, युद्धकालीन नेतृत्व और हरित क्रांति को आकार देने में उनकी भूमिका पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनी रहेगी।"
#PresidentKovind paid tributes to former Prime Minister Shri Lal Bahadur Shastri at Vijay Ghat on his birth anniversary pic.twitter.com/YdfRnHxOVE
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 2, 2018
नायडू ने तस्वीरों को साझा करते हुए ट्वीट किया, "आज दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री व हमारी मिट्टी के महान सपूत लाल बहादुर शास्त्री को विजय घाट में उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए।"
Paying tributes to the former Prime Minster and great son of our soil, Shri Lal Bahadur Shastri on his birth Anniversary at Vijayghat in Delhi today. #LalBahadurShastri pic.twitter.com/I37rWcd5IT
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) October 2, 2018
शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने 'शक्ति और सादगी' का सार निकाला। उन्होंने भारत का एक महत्वपूर्ण समय पर नेतृत्व किया और हमारे देश को और समृद्ध बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।"
Lal Bahadur Shastri Ji epitomised strength and simplicity. He led India at a crucial time and worked hard to make our nation more prosperous.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2018
Today, on his Jayanti I paid tributes to Shastri Ji at Vijay Ghat. pic.twitter.com/oTie1KJ370
शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश में वाराणसी में दो अक्टूबर 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के यहां हुआ था।
ताशकंद घोषणा पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद 11 जनवरी, 1966 को दिल का दौरा पड़ने के कारण उज्बेकिस्तान के ताशकंद में उनका निधन हो गया।
शास्त्री 1966 में देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से मरणोपरांत सम्मानित होने वाले पहले शख्स हैं।


