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मंत्रियों के सामने लाखों खरीदार के सवाल रह गए अनसुलझे

नोएडा व ग्रेटर नोएडा के 70 लाख फ्लैट खरीदारों फिलहाल राहत मिल गई है

मंत्रियों के सामने लाखों खरीदार के सवाल रह गए अनसुलझे
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ग्रेटर नोएडा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा के 70 लाख फ्लैट खरीदारों फिलहाल राहत मिल गई है। अभी एक लाख से ज्यादा ऐसे फ्लैट खरीदार है जिनको उनके सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीष महाना व गन्ना, चीनी व औद्योगिक विकास राज्य मंत्री सुरेश राणा इन फ्लैट खरीदारों के सवालों से बचते नजर आए। इन खरीदारों के सवाल उठाने पर मंत्री गोलमोल जवाब देकर उसका समाधान अगली बैठक में निकालने का आश्वासन दिया।

ग्रेटर नोएडा में करीब 203 बिल्डरों के प्रोजेक्ट है। जिसमें करीब 183 हजार लोगों ने फ्लैट बुक करा रखा है। आम्रपाली बिल्डर के प्रोजेक्ट में 40 हजार निवेशकों ने फ्लैट बुक करा रखा है। मंत्रियों की समिति ने करीब दो सौ से ज्यादा बायर्स की समस्याएं सुनी। उन्हें सबसे ज्यादा आम्रपाली, जेपी व यूनिटेक बिल्डर के खरीदार की समस्या गंभीर लगी। इन तीनों बिल्डर्स के खरीदार का समाधान निकालने का प्रयास किया। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में ऐसे लाखों खरीदार है जिसमें कुछ खरीदार को फ्लैट पर कब्जा मिल गया है लेकिन बिल्डर उन्हें सुविधाएं नहीं दे पा रहा है।

सुविधा न देने वाले बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। आम्रपाली बिल्डर्स के जिन 40 हजार खरीदार को राहत देने की बात कही गई उनमें से ज्यादातर खरीदर से 90 फीसदी से ज्यादा पैसा जमा कर चुके है। मंत्रियों की समिति ने फैसला लिया है कि आम्रपाली बिल्डर्स के बायर्स को दो साल तक कोई पैसा नहीं देना होगा, जब तक उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो जाती है। अब सवाल यह उठता है कि 90 फीसदी पैसा दे चुके खरीदार का पैसा कहा गया है, उन्हें जबकि दो साल पहले फ्लैट पर कब्जा मिल जाना चाहिए था अब उन्हें दो साल और इंतजार करना होगा। दो साल के इंतजार पर फ्लैट मिल भी गया तो उन्हें क्या फायदा मिलेगा। ज्यादातर खरीदार ने बैंक से लोन ले रखा है। बैंक का किश्त उन्हें हर माह देना पड़ेगा। इन खरीदार को बैंक लोन के किश्त में किसी प्रकार की राहत देने की बात नहीं उठी। हालांकि इन खरीदार से मंत्रियों के सामने यह सवाल उठाने का प्रयास किया लेकिन उसका जवाब उन्हें नहीं मिल पाया।

प्राधिकरण के सामने खड़ा होगा संकट

प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने आम्रपाली बिल्डर्स के 40 हजार खरीदार को प्राधिकरण से कंप्लीशन मिलने के बाद किश्त देने की बात कही है। साथ ही बिल्डर का प्रोजेक्ट को-डवलपर्स पूरा करेंगे। देखा जाए तो आम्रपाली बिल्डर का प्राधिकरण पर करीब 1600 करोड़ रुपए की देनदारी बनती है। को-डवलपर्स किन शर्तों पर आम्रपाली बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। दो साल में को-डवलपर्स आम्रपाली के प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे। इसके बाद प्राधिकरण में कंप्लीशन सर्टीफिकेट के लिए आवेदन करेेंगे। बिल्डर्स के प्रोजेक्ट का प्राधिकरण से तभी कंप्लीशन सर्टीफिकेट जारी होता है जब वह सारे बकाया का भुगतान कर देता है। ऐसे में को-डवलपर्स प्राधिकरण के आम्रपाली के बकाया 1600 करोड़ रुपए को कैसे जमा करेंगे।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से जब इस बारे में पूछा गया तो वह गोलमाल जवाब देते हुए कहा कि इसका भी समाधान निकाल लिया जाएगा। वह मौजूद प्राधिकरण के अधिकारी मंत्री के इस जवाब पर मुंह देखते रह गए। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में ऐसे कई बिल्डर्स है जिन्होंने बिना प्राधिकरण से कंप्लीशन सार्टीफिकेट हासिल किए बायर्स को फ्लैट पर कब्जा दे दिया है। फ्लैट में रहने वाले बायर्स समस्याओं से जूझ रहे है उनका कोई निराकरण नहीं निकल पा रहा है। ऐसे बायर्स की समस्याओं को मंत्रियों की समिति ने अनदेखी कर दिया।

तर्कसंगत बिल्डरों को ही मिल पाएगा कोई लाभ

तीन मंत्रियों की समिति ने बिल्डरों के साथ बैठक कर उनकी भी समस्याएं सुनी। बिल्डर ने पीएसपी के तहत और राहत देने, 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा में छूट देने व भूखंड से समय से कब्जा न मिलने पर शून्य अवधि का लाभ देने की बात उठाई। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने साफ तौर से कहा कि फिलहाल उन्हीं बिल्डरों को कुछ लाभ मिल सकता है जिन्हें प्राधिकरण की तरफ से जमीन पर कब्जा मिलने पर दिक्कत हुई।


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