बेरला पशुधन विभाग में कर्मचारियों की कमी
बेरला विकासखंड के पशुधन विकास विभाग के कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं बताते कहा कि इस विकासखण्ड में 12 संस्था रिक्त होने के साथ उनमें चतुर्थ श्रेणी के पषुचारक भी नही है

बेमेतरा। बेरला विकासखंड के पशुधन विकास विभाग के कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं बताते कहा कि इस विकासखण्ड में 12 संस्था रिक्त होने के साथ उनमें चतुर्थ श्रेणी के पषुचारक भी नही है। जबकि पषुधन विकास विभाग में घरो में पहुंच कर सेवा देनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में संबंधित सभी गांवो में समय पर पहुंच पाना संभव नही हो पाता। इसलिये रिक्त संस्थाओ में कर्मचारी नियुक्ति का समाधान करवाये। विधायक आशीष छाबड़ा ने कर्मचारियों की बात सुनने के बाद समाधान का भरोसा दिया है।
विकासखंड बेरला में पशुधन विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। जिसकी वजह से कार्यरत कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। जिसे लेकर पशुधन विकास विभाग के कर्मचारियों ने जिला विधायक आशीष छाबड़ा से मुलाकात कर विधायक को बताया कि जिले में 14 संस्थाएं संचालित हैं। जिसमें 2 पशु चिकित्सालय बेरला और देवरीबीजा के साथ 12 पशु चिकित्सालय सरदा, लावातरा, आनंदगांव, पाहंदा, मनियारी, सोढ़, पतोरा, हसंदा, हरदी, गुधेली, राका एवं कहिया हैं।
कर्मचारियों के मुताबिक पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सा सहायक के पद पर केवल 2 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पदस्थ है तथा अन्य 12 संस्थाएं रिक्त हैं, साथ ही चतुर्थ श्रेणी के पशुचारक भी कई संस्थाओं में नहीं है। जिसके कारण 6 से 7 संस्थाओं का अतिरिक्त प्रभार उनके ऊपर आ रहा है। काम के बोझ की वजह से कर्मचारियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से तनाव का सामना करना पड़ता है।
उनके मुताबिक पशुधन विकास विभाग में घर-घर पहुंचकर सेवा देनी पड़ती है लेकिन काम के अतिरिक्त बोझ की वजह से सभी संस्थाओं एवं सम्बंधित गांवों में पहुंच पाना संभव नहीं हो पाता है। विधायक आशीष छाबड़ा ने कर्मचारियों को भरोसा दिया है कि वो राज्य सरकार के समक्ष इस मुद्दे को रखेंगे ताकि कर्मचारियों के खाली पद जल्द से जल्द भरे जा सकें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए सभी सरकारी पद भरा होना जरूरी है, तभी विभाग अपनी पूरी शक्ति से काम कर सकेंगे। विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है और यहां पशुधन का विशेष महत्व है। ऐसे में पशुधन विकास विभाग के जिम्मे अहम जिम्मेदारी है। जिसमें कर्मचारियों की कमी और अतिरिक्त प्रभार की वजह से कार्य में बाधा आ रही है। जिसका समाधान आवष्यक है।


