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दिल्ली सरकार के सभी विभागों में कर्मचारियों की कमी : मंत्री

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का कहना है कि दिल्ली सरकार का दलित, जनजातीय व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग 60 फीसदी खाली पड़े पदों के साथ काम कर रहा है

दिल्ली सरकार के सभी विभागों में कर्मचारियों की कमी : मंत्री
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- निखिल एम बाबू

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का कहना है कि दिल्ली सरकार का दलित, जनजातीय व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग 60 फीसदी खाली पड़े पदों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कर्मचारियों की इस कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली सरकार की लोगों से किए गए अपने वादों को पूरा करने की क्षमता प्रभावित हो रही है।

मंत्री ने कहा, "दिल्ली सरकार के सभी विभागों में कर्मचारियों की कमी है। स्वास्थ्य विभाग में भी कमी है। लेकिन, मेरे विभागों में कर्मचारियों की ज्यादा ही कमी है।"

दिल्ली में सर्विस डिपार्टमेंट केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उप राज्यपाल के तहत अधिकारियों की नियुक्ति की निगरानी करता है। उप राज्यपाल के साथ आप सरकार की बीते चार सालों से संबंध अच्छे नहीं रहे हैं।

गौतम ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में दिल्ली सरकार व उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच खींचतान के दौरान आप सरकार द्वारा सामना की जा रही दिक्कतों के बारे में बात की।

मंत्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग 'करीब 48 फीसदी कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहा है।'

राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार उपराज्यपाल व दूसरे नौकरशाहों के कंधे पर बंदूक रख चला रही है और दिल्ली सरकार का गला घोंटने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा, समाज कल्याण विभाग में कर्मचारियों की कमी बड़ी खींचतान का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "कर्मचारियों की कमी के चलते मैं मंत्री के तौर पर अपने कार्यो का निर्वहन नहीं कर पा रहा हूं, जिन्हें करना चाहता हूं।"

गौतम ने कहा, "मैंने छह महीने पहले खाली पड़े पदों के बारे में उपराज्यपाल को लिखा था, लेकिन उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है।"

गौतम ने कहा कि मुख्य सचिव को दो बार लिखने के बाद उपराज्यपाल ने खाली पदों को भरने का वादा किया था।

उन्होंने कहा, "वह बीते पांच महीनों से वादा कर रहे हैं।"

मंत्री ने कहा कि सामाज कल्याण विभाग में विशेष निदेशक का पद खाली है और वहां कोई पूर्णकालिक निदेशक भी नहीं है। इसके साथ ही अधिकारी के पास महिला व बाल विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी है।

मार्च में विधानसभा के पटल पर रखी गई दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट के नतीजे के अनुसार एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का प्रदर्शन सबसे खराब विभागों में रहा है। इस विभाग की परियोजनाएं व योजनाओं के 45 फीसदी संकेतक ही इनके सही दिशा में चलने की बात कह रहे हैं।


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