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मजदूर संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की चेतावनी

देश के दस प्रमुख मजदूर संगठनों ने आज कहा कि केंद्र सरकार अपनी ‘श्रमिक और जन विरोधी नीतियों’ में बदलाव नहीं लाती है तो वे इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे

मजदूर संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की चेतावनी
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नई दिल्ली। देश के दस प्रमुख मजदूर संगठनों ने आज कहा कि केंद्र सरकार अपनी ‘श्रमिक और जन विरोधी नीतियों’ में बदलाव नहीं लाती है तो वे इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।

श्रमिक संगठनों ने अपनी 12 सूत्र मांगों के लिए यहां संसद भवन के निकट तीन दिन से जारी ‘महापड़ाव’ के अंतिम दिन एक घोषणा पत्र जारी किया जिसमें सरकार पर दबाव बनाने के लिए चेतावनी के तौर पर पहले जिला स्तर पर जनवरी के अंतिम सप्ताह में सत्याग्रह का आयोजन करने की बात कही गई है। इन संगठनों ने कहा कि सरकार उसके बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हडताल की जाएगी।

देश के इन प्रमुख श्रमिक संगठनों का दावा है कि तीन दिन इस ‘महापड़ाव’ में देशभर से आए 70 हजार से अधिक श्रमिकों ने हिस्सा लिया। इसमें भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ ने हिस्सा नहीं लिया। श्रमिक संगठनों ने बेरोजगारी अौर सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश तथा सरकार की आर्थिक नीतियों लेकर 12 सूत्री मांगे रखी हैं।

महापडाव में शामिल हुई मध्य प्रदेश की आशा कार्यकर्ता राजकुमारी ने कहा ‘मुझे नहीं मालूम कि सरकार हमारी मांग पर ध्यान देगी या नहीं। मुझे काम करते हुए 11 साल हो गए हैं लेकिन सिर्फ नौ से 12 हजार रुपए प्रति माह मिलते हैं। सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए और हमारी मांगो पर ध्यान देना चाहिए।”

महापड़ावा में इंटक, एटक, हिन्द मजदूर सभा, सीटू, सेवा, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी और एनएफआईटीयू आदि संगठनों ने हिस्सा लिया।


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