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मजदूर संगठनों ने जारी किया घोषणापत्र

देश के 10 बड़े श्रमिक संगठनों ने आज राजधानी दिल्ली में अपना घोषणापत्र जारी किया

मजदूर संगठनों ने जारी किया घोषणापत्र
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नई दिल्ली। देश के 10 बड़े श्रमिक संगठनों ने आज राजधानी दिल्ली में अपना घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में मजदूरों की स्थिति को ठीक करने के अलावा काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने की मांग प्रमुख रुप से की गई है। घोषणापत्र काफी व्यापक था, जिसमें किसानों से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं तक के मुद्दों को शामिल किया गया है। श्रमिक संगठनों ने राजनैतिक दलों से अपील की है, कि वे इस घोषणापत्र को अपने राजनैतिक घोषणापत्र का हिस्सा बनाएं और वादा करें, कि सरकार बनने के बाद इसे लागू करेंगी।

आज जो संगठन एकजुट हुए उसमें भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर सभी बड़े श्रमिक संगठन शामिल हैं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मजदूर नेताओं ने कहा, कि सरकार मजदूरों को वोट बैंक के रुप में देखती है, इसीलिए वो चुनाव के पहले जो वादे करती है, उसे जीतने के बाद भूल जाती है और पूंजीपतियों के एजेंट की तरह काम करने लगती है। वक्ताओं का यह भी कहना था, कि पिछले 4 साल में मजदूरों की हड़तालें लगातार बढ़ी हैं और उसमें लोगों को प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है। इसके बाद भी सरकार श्रम कानूनों में लगातार परिवर्तन करने की कोशिश कर रही है और चोर रास्ते से पूंजीपतियों को मदद कर रही है।

सरकारी उपक्रमों को निजीकरण जारी है, दूसरी तरफ पूंजीपतियों को करों में बड़ी राहत दी जा रही है। घोषणापत्र में मजदूरों को न्यूनतम वेतन देने, ठेकेदारी प्रथा खत्म करने, सरकारी उपक्रमों का नीजिकरण बंद करने, किसानों को लाभकारी मूल्य व कर्जमाफी, शिक्षा का बजट 10 फीसदी और स्वास्थ्य का पांच फीसदी करने की मांग की गई है। शुरुआत में यह घोषणापत्र 14 सूत्रीय था, जिसे बाद में व्यापकता देते हुए 43 सूत्रीय बनाया गया और समाज के अन्य वर्गों को भी इसमें जोड़ा गया।

घोषणापत्र में एससी एसटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन, आरक्षण को सही तरीके से लागू करने के अलावा खाली पड़े पदों को भरने, पूरी आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने, अंतरजातीय व अंतरराष्ट्रीय विवाह करने वाले जोड़ों को सुरक्षा देने जैसी मांगों को भी शामिल किया गया है। घोषणा पत्र इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने मिलकर तैयार किया है। सभा को मजदूर नेता तपन सेन, हरभजन सिहं सिद्धू, अमरजीत कौर सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया।


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