कुरियन ने केंद्र सरकार को केजरीवाल और बैजल का विवाद सुलझाने की सलाह दी
केजरीवाल और अनिल बैजल के बीच अधिकारों के टकराव का मामला आज राज्यसभा में उठा जिस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने केन्द्र सरकार को इसे सुलझाने की सलाह दी।

नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल अनिल बैजल के बीच अधिकारों के टकराव का मामला आज राज्यसभा में उठा जिस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने केन्द्र सरकार को इसे सुलझाने की सलाह दी।
अतिक्रमण एवं अनधिकृत निर्माण के लिए दंडात्मक कार्रवाई से दिल्लीवासियों को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र दिल्ली विधियां (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक 2017 पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल, तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल के बीच अधिकारों के विवाद का उल्लेख किया और इसे सुलझाने पर जोर दिया। इस पर कुरियन ने कहा कि केन्द्र सरकार को उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव को सुलझाना चाहिए।
शहरी विकास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि वह उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री को एक साथ दोपहर के भोज पर बुलाकर इस संबंध में चर्चा करेंगे और विवाद को सुलझाने का प्रयास करेंगे। इससे पहले अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री का आरोप है कि उप राज्यपाल एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के साथ चपरासी की तरह व्यवहार करते हैं।
सपा सदस्य ने इस तरह के विवाद को खत्म करने के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली के सबसे महंगे बाजार खान मार्केट को अवारा कुत्तों से मुक्त किया जाना चाहिए।
राजा ने कहा कि दिल्ली और पड्डुचेरी में उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच अक्सर अधिकारों को लेकर विवाद होता है। इन दोनों केन्द्र शासित क्षेत्रों को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए।
हक ने कहा कि दिल्ली की निर्वाचित सरकार को काम नहीं करने दिया जाता है और अधिकारों को लेकर अक्सर विवाद रहता है। सरकार को इसका समाधान करना चाहिए।


