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मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी कुण्डा को नहीं मिला तहसील का दर्जा

आखिर कब मिलेगा उप तहसील कुंडा को पूर्ण तहसील का दर्जा

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी कुण्डा को नहीं मिला तहसील का दर्जा
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कुण्डा। आखिर कब मिलेगा उप तहसील कुंडा को पूर्ण तहसील का दर्जा। वैसे तो विकासखण्ड पंडरिया अंतर्गत उप तहसील कुंडा को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने करीब 4 माह वही पूर्ण तहसील का दर्जा देने की घोषणा कर दी है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इन 4 महीनों के लंबे समय के बाद भी उपतहसील कुडा तहसील में नहीं बदल पाई है। उप तहसील कुडा तहसील कुंडा क्षेत्र के ग्रामीणों को आज भी अपने कई तहसील स्तर के कार्यों को लेकर पंडरिया तहसील की लंबी दूरी नापनी पड़ रही है। इसका मलाल क्षेत्रवासियों डा.रमन सिंह ने पंडरिया प्रवास के दौरान कुंडा उप तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की घोषणा की थी।

क्षेत्रवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग की घोषणा होने पर कुण्डा क्षेत्रवासियों में अजब गजब की खुशी भी देखी गई थी और उन्होंने यह मान लिया था की घोषणा के बाद जल्द ही उनकी तमाम समस्याएं व परेशानी दूर हो जाएगी लेकिन उन्हें अपनी तहसील संबंधी छोटे बड़े कार्यों के लिए 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि मुख्यमंत्री की घोषणा को पूर्ण तहसील का दर्जा नहीं मिल पाया है। यहां आज भी यहां उपतहसील कुडा का बोर्ड लगा है और कार्यों का संपादन सिर्फ उप तहसील के दर्जे का हो पा रहा है। वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणा पर की जा रही है लेटलतीफ को देखते हुए अपने क्षेत्र के ग्रामीण सवाल उठाने लगे हैं।

आखिर और कितना इंतजार करना पड़ेगा कई नेता चुटकी लेते हुए ग्रामीण और कुछ बुजुर्ग लोगों ने इतना वक्त बेमेतरा मुंगेली सहित दूसरे ब्लॉकों को जिला बनने में नहीं लगा है। इतना एक उप तहसील को तहसील बनने में समय लग रहा है जो जरूरत से ज्यादा समय लगाया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक जब कुंडा में उप तहसील कार्यालय चल रहा है और वहां कामकाज निपटाया जा रहा तो ऐसे में उप तहसील का दर्जा मिलने में और इतना वक्त नहीं लगना चाहिए। प्रारंभिक दौर में कुंडा उप तहसील में नायब तहसीलदार के स्थान पर पूर्ण तहसीलदार की पदस्थापना तहसील स्तर की कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। रही बात पंडरिया तहसील से प्रकरणों को लाने की तो वह भी कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन अगर यह सब करीब 4 माह बाद भी नहीं हो पाया तो यह निश्चित रूप से लेट लतीफी भी है जिसमें कुण्डा क्षेत्रवासी बहुत परेशान नतर आते हैं।


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