कर्नाटक के शक्ति परीक्षण में कुमारस्वामी पास
कर्नाटक में श्री एच डी कुमारस्वामी की अगवाई वाले कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) सरकार ने आज विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों की गैर-मौजूदगी के बावजूद विश्वासमत हासिल कर लिया

बेंगलुरु/नई दिल्ली। कर्नाटक में श्री एच डी कुमारस्वामी की अगवाई वाले कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) सरकार ने आज विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों की गैर-मौजूदगी के बावजूद विश्वासमत हासिल कर लिया। श्री कुमारस्वामी के पक्ष में विश्वासमत ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इससे पहले भाजपा सदस्यों ने मुख्यमंत्री द्वारा विपक्ष के नेता पर टिप्पणी के बाद सदन से बहिर्गमन कर दिया।
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि अगर सरकार किसानों के करीब 53 हजार करोड़ का कर्ज माफ नहीं करती है तो 28 मई को प्रदेशव्यापी बंद किया जाएगा। कुमारस्वामी ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में जोर दिया कि गठबंधन सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि उनका कोई निजी एजेंडा नहीं है और उन्होंने राज्य के कल्याण एवं विकास के लिए सत्ता संभाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा किसी भी तरह सत्ता में आने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का प्रयास कर रही है।
इससे पहले कांग्रेस के रमेश कुमार को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया। उन्होंने भाजपा के ही लोकतंत्र का रक्षक होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर उन पर आरोप लगाया कि वह (प्रधानमंत्री) चाहते हैं कि लोग यह सुनिश्चित करें कि केंद्र और राज्य में समान पार्टी की सरकारें हों।
निर्विरोध चुने गए कांग्रेस के रमेश कुमार
इससे पहले कांग्रेस नेता रमेश कुमार को सदन का निर्विरोध नया स्पीकर चुना गया है। रमेश कुमार के निर्विरोध स्पीकर चुने जाने पर कुमारस्वामी ने विपक्ष का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि रमेश कुमार के अनुभव और गाइडेंस से सदस्यों को फायदा होगा। रमेश कुमार श्रीनिवासपुर से कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी रमेश कुमार को बधाई दी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा ने स्पीकर पद के लिए अपने उम्मीदवार सुरेश कुमार को हटा लिया। height="480" src="https://www.youtube.com/embed/PfrJrN4m_XI" frameborder="0" allow="autoplay; encrypted-media" allowfullscreen>


