Top
Begin typing your search above and press return to search.

कुमारस्वामी ने यूक्रेन में भारतीय छात्रों पर टिप्पणी करने पर केंद्रीय मंत्री की आलोचना की

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि वह केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लााद जोशी के उस बयान से हैरान हैं

कुमारस्वामी ने यूक्रेन में भारतीय छात्रों पर टिप्पणी करने पर केंद्रीय मंत्री की आलोचना की
X

बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि वह केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लााद जोशी के उस बयान से हैरान हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेशों में पढ़ने वाले 90 प्रतिशत भारतीय भारत में क्वालीफायर पास करने में विफल रहते हैं। उन्होंने कहा, "केंद्रीय कानून और संसदीय कार्य मंत्री! यह कहने के पीछे क्या रहस्य है कि आप यहां और यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के खर्च पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। आपके बयान से कई संदेह पैदा हुए हैं।"

जोशी ने बेलगावी में कहा था कि विदेशों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले 90 फीसदी भारतीय भारत में क्वालिफायर पास करने में असफल होते हैं। उन्होंने आगे कहा था कि यह बहस करने का सही समय नहीं है कि छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बाहर क्यों जा रहे हैं।

उनका बयान ऐसे समय में आया है, जब कर्नाटक के छात्रों में से एक नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर, (जो यूक्रेन में एमबीबीएस कोर्स कर रहे थे) खारकीव में रूसी सेना की गोलाबारी में मारे गए।

कुमारस्वामी ने कहा, "नेशनल एंट्रेंस एंड एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) द्वारा बनाई गई अराजकता के लिए कितने लोगों की जान कुर्बान की जाएगी? नवीन की मौत ने नीट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है। चिकित्सा शिक्षा अमीरों तक ही सीमित है और यह गरीबों का वास्तव में खून चूसती है।"

उन्होंने कहा, "विश्व गुरु होने और 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' शुरू करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार को इस बारे में दिल से विचार करना चाहिए। सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए नीट क्रैक करना मुश्किल है। इस तथ्य से अवगत होने के कारण, 'ट्यूशन की दुकानें' फलफूल रही हैं।"

कुमारस्वामी ने कहा, "नीट छात्रों के माता-पिता के लिए डेथ वारंट है। यूक्रेन में एमबीबीएस करने गए नवीन की दुखद मौत ने नीट के शर्मनाक पहलू को उजागर कर दिया है। यह पात्रता की आड़ में गरीबों पर लगाया गया अन्याय है।"

पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने यूक्रेन के हालात पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।

"भारत में हमारे कई राजनीतिक दल हैं। हमें यह आभास नहीं होना चाहिए कि हम विभाजित हैं। यूक्रेन में कई भारतीय हैं और उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी सरकार की है। हमारे राज्यों के छात्र भी संकट में हैं और वे फंस गए हैं। मैंने नोडल अधिकारी से बात की है और इस मामले में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। नवीन की मौत से उन माता-पिता में तनाव बढ़ गया है, जिन्होंने अपने बच्चों को यूक्रेन भेजा है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it