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कुड़मी आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, हावड़ा-मुंबईरूट पर 225 से ज्यादा ट्रेनें रद्द रहीं

कुड़मी जाति को आदिवासी (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर हजारों लोग बुधवार सुबह से ही हावड़ा-मुंबई रूट में कई स्टेशनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं

कुड़मी आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, हावड़ा-मुंबईरूट पर 225 से ज्यादा ट्रेनें रद्द रहीं
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रांची। कुड़मी जाति को आदिवासी (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर हजारों लोग बुधवार सुबह से ही हावड़ा-मुंबई रूट में कई स्टेशनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से बीते तीन दिनों में रेलवे को कम से 225 से ज्यादा ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं।

इस रूट पर ट्रेन सेवाएं बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई हैं। एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रूट बदलकर चलाया जा रहा है। रेलवे को इन तीन दिनों में करोड़ों की चपत लगी है। प्रदर्शन कर रहे लोग झंडे-डंडे के साथ हावड़ा-मुंबई रूट पर खड़गपुर और आद्रा डिवीजन के खेमाशुली और कुस्तौर स्टेशन पर पिछले तीन दिनों से जमे हैं।

आंदोलनकारियों ने खेमाशुली से बरसोल तक एनएच-49 जाम कर रखा है। इस वजह से 50 किलोमीटर के दायरे में हजारों गाड़ियां फंसी हैं। कई यात्री बसों के जाम में फंसने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

उधर, आंदोलनकारी ट्रैक और हाईवे से हटने को तैयार नहीं हैं। इन दिनो जेईई मेन्स की परीक्षाएं चल रही हैं। इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

कुड़मी समाज पश्चिम बंगाल संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश महतो ने बिहार, झारखंड और ओडिशा राज्यों कुड़मी समुदाय को जब तक अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा।


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