कोविंद होंगे देश के 14वें राष्ट्रपति
भारतीय जनता पार्टी के नेता रामनाथ कोविंद गुरुवार को देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर निर्वाचित हुए

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता रामनाथ कोविंद गुरुवार को देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर निर्वाचित हुए। कोविंद ने संप्रग की उम्मीदवार मीरा कुमार को सीधे मुकाबले में बड़े अंतर से हराया। वह राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाले पहले भाजपा नेता हैं। पूर्व सांसद और बिहार के राज्यपाल रहे कोविंद को 40 पार्टियों का समर्थन था। इसमें राजग से बाहर की पार्टियां भी शामिल हैं। कोविंद ने मीरा कुमार को 334,730 के वोट मूल्य के अंतर से हराया। वे 25 जुलाई को शपथ ग्रहण करेंगे। अपनी जीत के बाद श्री कोविंद ने कहा है, कि वे संविधान और उसके मूल्यों का रक्षा और अपने को सभी तबकों की खुशी के लिए समर्पण से काम करेंगे। साफ तौर पर अपनी जड़ों की तरफ इशारा करते हुए निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि वह खेतिहर मजदूरों, श्रमिकों और गरीबों का प्रतिनिधित्व करते है और उनका चुनाव ऐसे लोगों के लिए संदेश है जो अपनी आजीविका कठिन परिश्रम और ईमानदारी से कमाते हैं।
कोविंद को 2,930 वोट हासिल हुए इसका मूल्य 700,244 रहा, जबकि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को 1,844 वोट मिले, जिसका मूल्य 367,314 रहा। यह अब तक किसी हारने वाले उम्मीदवार को मिले वोटों का सबसे ज्यादा मूल्य रहा। निर्वाचक मंडल में 4,986 मतदाता थे, जिनके वोट का कुल मूल्य 10,98,903 था। 77 वोट अमान्य हो गए। इनका मूल्य 20,942 रहा। कोविंद को कुल वैध मतों का 65.65 फीसदी प्राप्त हुआ, जबकि मीरा कुमार को 10,69,358 मूल्य के साथ 34.35 फीसदी वोट मिले। राष्ट्रपति चुनाव में सांसद और विधायक वोट देते हैं। कोविद को सांसदों के 522 वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 225 वोट मिले।
कोविंद को मिले सांसदों के वोट का मूल्य 3,69,576 था और कुमार को 159,300 रहा। आंध्र प्रदेश में जहां कांग्रेस का एक विधायक है, मीरा को वोट नहीं मिला व गैर भाजपा दलों का वोट कोविंद को गया। कोविंद के चुनाव की घोषणा करते हुए निर्वाचन अधिकारी और लोकसभा महासचिव अनूप मिश्रा ने कहा कि कोविंद को राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम के तहत तरजीही वोट प्रणाली के तहत कोटे के तहत आवंटित जरूरी वोट मिले हैं। पांच घंटे से ज्यादा समय तक चली गणना प्रक्रिया के अंत में उन्होंने कहा, मैं रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति कार्यालय के लिए चुने जाने की घोषणा करता हूं। के.आर. नारायणन के बाद कोविंद दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे।
नारायणन 1997 से 2002 तक राष्ट्रपति रहे। कोविद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे हैं। उन्होंने पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा की 1999 से तीन साल तक अगुवाई की है। वह भाजपा में शामिल होने से पहले आरएसएस में सक्रिय रहे हैं। कोविंद उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय में वकील रहे हैं। राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनाए जाने से पूर्व वे बिहार के राज्यपाल थे।


