कोविंद की यात्रा का उग्रवादियों ने बहिष्कार किया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उत्तर-पूर्व यात्रा का उग्रवादियों ने बहिष्कार के मद्देननजर मणिपुर में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है

इंफाल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उत्तर-पूर्व यात्रा का उग्रवादियों ने बहिष्कार के मद्देननजर मणिपुर में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। उग्रवादियों संगठनों की समन्वय समिति ने इस यात्रा के बहिष्कार का आह्वान किया है।
पुलिस ने आज राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभियान चलाया और लोगों लाइन में लगाकर उनकी पहचान सत्यापित की। सुरक्षा कर्मियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी की। पिछले चार दिनों में सुरक्षा कर्मियों पर दो बार हमला किया गया था।
कोर कॉम की प्रचार समिति ने एक बयान में कहा कि समिति ने राष्ट्रपति की यात्रा का बहिष्कार करने का फैसला किया है और राष्ट्रपति की यात्रा के दिन सुबह छह से आठ बजे तक 14 घंटे की आम हड़ताल की जाएगी। आपातकालीन सेवाओं, मीडिया और स्वास्थ्य सेवाओं को हालांकि इससे छूट दी जाएगी।
समिति ने कहा कि राष्ट्रपति यात्रा के बहिष्कार का निर्णय इसलिए किया गया क्योंकि मणिपुर पर 15 अक्टूबर 1949 को जबरन कब्जा करके यहां सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम थोप दिया गया था। श्री कोविंद 19 से 22 नवंबर तक उत्तर पूर्वी राज्यों मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम की यात्रा का कार्यक्रम है।
श्री कोविंद 19 नवंबर को ईटानगर में विवेकानंद केंद्र के 40 वर्षों पूरा करने के विदाई समारोह में हिस्सा लेंगे, अरुणाचल प्रदेश के लोगों को नवनिर्मित विधानसभा समर्पित करेंगे और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में विधायकों को संबोधित करेंगे। इसके बाद 20 नवंबर को श्री कोविंद सिलचर में नमामिक बराक महोत्सव के समापन समारोह में हिस्सा लेंगे।
गुवाहाटी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में भाग लेंगे। वह 21 नवंबर को इंफाल में उत्तर-पूर्व विकास शिखर सम्मेलन और मणिपुर संगई महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। श्री कोविंद का 22 नवंबर को मोईरंग में आईएनए वॉर मेमोरिअल की यात्रा का भी कार्यक्रम है।


