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कोविंद ने पर्यटन स्थलों की साफ सफाई पर बल दिया

कोविंद ने देश के आर्थिक विकास को और गति देने तथा बेरोजगारी एवं गरीबी को दूर करने में पर्यटन के प्रति जागरूक समाज का निर्माण करने की अपील की

कोविंद ने पर्यटन स्थलों की साफ सफाई पर बल दिया
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नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के आर्थिक विकास को और गति देने तथा बेरोजगारी एवं गरीबी को दूर करने में पर्यटन के प्रति जागरूक समाज का निर्माण करने की अपील करते हुए इसे समावेशी बनाने एवं युवाओं को जोड़ने का भी आह्वान किया है और पर्यटन स्थलों की साफ सफाई पर बल दिया है।

कोविंद ने आज यहाँ विज्ञान भवन में विश्व पर्यटन दिवस पर वर्ष 2015-16 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान करते हुए यह आह्वान किया। उन्होंने इस मौके पर अतुल्य भारत की नयी वेबसाइट और अपनी धरोहर अपनी पहचान योजना को भी लांच किया। उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन का हिस्सा प्रतिशत 9.6 है और इससे 9.3 प्रतिशत रोजगार मिलता है।

एक आकलन के अनुसार ..अगर पर्यटन के क्षेत्र में दस लाख रुपये का निवेश किया जाये तो 90 लोगों को रोजगार मिलता है जबकि कृषि क्षेत्र में 45 लोगों को और विनिर्माण क्षेत्र में 13 लोगों को रोजगार मिलता है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है छोटे-छोटे शहरों को सस्ती विमान सेवाओं से जोड़ने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा रेल सेवाओं को भी और बेहतर बनाने की जरुरत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज कई पुरस्कार पर्यटक स्थलों की साफ़ सफाई के लिए भी दिए गए। पर्यटन के विकास के लिए स्वच्छता अनिवार्य है। 2019 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के मौके पर पूरे देश को स्वच्छ बनाने बनाने के संकल्प को पूरा किया जाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

उन्होंने कहा कि देश में 35 वर्ष से कम आयु की 65 प्रतिशत आबादी है। अगर इस युवा पीढी को पर्यटन स्थलों के प्रति जागरूक बनाया जाये और उन्हें जोड़ा जाये तो आर्थिक विकास को तेज गति प्राप्त होगी। उन्होंने समावेशी विकास के लिए पर्यटन को भी समावेशी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि समाज के हर तबके को इससे जोड़ा जाना चाहिए।

उन्होंने प्राचीन भारत में पर्यटन के क्षत्र में भगवन महावीर और शंकराचार्य के योगदान को रेखांकित किया और कहा कि इन दोनों महापुरुषों ने पूरे देश को न केवल एक सूत्र में पिरोया बल्कि इस तरह राष्ट्रनिर्माण भी किया। केरल के शंकराचार्य ने बद्रीनाथ और केदारनाथ में मठों की स्थापना की और वह इस तरह पर्यटन के आदि पुरुष थे।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री एल्फोंस ने कहा कि सौ देशों के नागरिकों के लिए आगमन पर पर्यटक वीसा की सुविधा शुरू होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है हम विश्व पर्यटन इंडेक्स में 48 स्थान पर पहुँच गए है और पर्यटन क्षेत्र में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और विश्व में भारत पर्यटन के क्षेत्र में तेज रफ़्तार से विकास करने वाला देश बन गया है। इससे पहले पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा ने अथितियों का स्वागत करते पर्यटन के क्षेत्र में हुए भारत के विकास की आंकड़ों के साथ तस्वीर पेश की समारोह में पर्यटन महानिदेशक सत्यजीत राजन भी मौजूद थे।


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