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नगदी जुटाने फिर शेयर बेचने की तैयारी में कोल इंडिया

कोरबा ! केंद्र सरकार ने हाल ही में जो बजट पेश किया है उसमें विनिवेश के द्वारा इस वर्ष भारी भरकम 72 हजार करोड़ रूपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है

नगदी जुटाने फिर शेयर बेचने की तैयारी में कोल इंडिया
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कोरबा ! केंद्र सरकार ने हाल ही में जो बजट पेश किया है उसमें विनिवेश के द्वारा इस वर्ष भारी भरकम 72 हजार करोड़ रूपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है और इस रकम के उगाही के लिए प्रमुख रूप से हमेशा की तरह कोल इंडिया को सॉफ्ट टारगेट समझते हुए पीछे के दरवाजे से विनिवेश करने की योजना बना रही है।
इस संबंध में एटक के राष्ट्रीय सचिव दीपेश मिश्रा ने जारी अपने बयान में कहा है कि कोल इंडिया एक बार फिर अपने मुख्य शेयर धारक केंद्र सरकार के लिए नगदी जुटाने जा रही है और यह काम पिछले साल जारी पूंजी पुनर्खरीद दिशा निर्देश के जरिए होगा। पिछले साल भी अक्टूबर में पुनर्खरीद के बाद कंपनी अपना 1.72 फीसदी शेयर समाप्त करते हुए अनुमानत: 2500 करोड़ केंद्र सरकार के लिए नगदी के रूप मे जुटाए थे। शेयर पुनर्खरीद की प्रकिया विनिवेश व सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के दिशा-निर्देश के मुताबिक हो रही है। ऐसे मे कोल इंडिया के सात सहायक कंपनी मे से पांच को अनिवार्य तौर पर पुनर्खरीद करनी होगी। श्री मिश्रा ने कहा है कि एक तरफ कोल इंडिया मजदूर संगठनों को समझाने में लगी है कि कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण कोल इंडिया मजदूरों के दसवें समझौता के लिए प्रति वर्ष 2200 करोड़ से ज्यादा रकम नहीं दे सकती है। दूसरी ओर सरकार को शेयर पुनर्खरीद कर भारी भरकम रकम देने की तैयारी कोल इंडिया कर रही है। इससे स्पष्ट है कि कोल इन्डिया श्रमिक संघों को अपने वित्तीय स्थिति के झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर रही है ताकि मजदूर संगठनों द्वारा प्रभावी सौदेबाजी नहीं की जा सके। दीपेश मिश्रा ने कहा कि दसवां वेतन समझौता साढ़े तीन लाख मजदूरों का ही नहीं बल्कि श्रमिक संघों के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है और हर हाल में नौवें वेतन समझौता में जो वृद्धि हुई थी उससे कम में वृद्धि में दसवां वेतन समझौता कतई मंजूर नहीं है। इसके लिए किसी भी प्रकार के आंदोलन से संयुक्त ट्रेड यूनियन पीछे नहीं हटेगा।


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