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टूटने से बचे 5 परिवार, 8 को समझाइश

कोरबा ! आपसी मनमुटाव और गलत फहमीं के कारण टूटने की कगार पर पहुंचे 5 परिवारों को बिखरने से बचा लिया गया। 8 परिवारों को समझाइश देकर राजी खुशी से रहने राजी कर लिया गया।

टूटने से बचे 5 परिवार, 8 को समझाइश
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प्रताडऩा का आरोप लगाया व जब आमने-सामने हुए तो दिल पसीजा
कोरबा ! आपसी मनमुटाव और गलत फहमीं के कारण टूटने की कगार पर पहुंचे 5 परिवारों को बिखरने से बचा लिया गया। 8 परिवारों को समझाइश देकर राजी खुशी से रहने राजी कर लिया गया। पति से 6 माह दूर रहकर जिस पत्नी ने प्रताडऩा का आरोप लगाया, वही पत्नी पति से आमना सामना होने पर पसीज उठी और सारे गिले शिकवे भुलाकर जीवनसाथी का हाथ थाम लिया।
रामपुर पुलिस चौकी परिसर में संचालित परिवार परामर्श केन्द्र सह महिला थाना में परामर्शदाताओं के द्वारा बखूबी परामर्श देकर छोटी-छोटी बातों से टूटते रिश्तों को बचाने का कार्य किया जा रहा है। यहां ऐसे दर्जनों मामले निराकरण के लिए पहुंचते हैं जिनमें कभी गंभीर तो कभी बेवजह की बातों से रिश्तों में दरार का जिक्र होता है। ऐसे परिवारों को आमने-सामने कर उन्हें समझाईश देकर जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में परिवार परामर्श केन्द्र ने 5 परिवारों को टूटने से बचा लिया। इसमें एक ऐसा परिवार भी था जिसमें विवाह के 4 साल बाद पत्नी ने ससुराल में उसकी पूछ परख कम होने से ससुराल छोड़ दिया और मायके चली गई। छह माह तक मायके में रहने के बाद ससुराल वालों के खिलाफ प्रताडऩा का आरोप तक लगा दिया। बाद में मामला आपसी सुलह समझौता से निपटाने के लिए परिवार परामर्श केन्द्र भेजा गया। इस दंपत्ति को नोटिस देकर रविवार को परिवार परामर्श केन्द्र में बुलाया गया। काउंसलिंग के दौरान इनके अलग होने का कारण पूछा तो महिला ने बताया कि ससुराल में उसकी उपेक्षा होती है। पति कोई भी बात पहले मां और पिता से साझा करता है फिर उसे बताता है। इस बात से वह परेशान थी। पुलिस ने पति पत्नी को एक साथ बिठाकर समझाया और दोनों जब आमने-सामने हुए और परामर्श का लाभ मिला तो दोनों एक दूसरे के साथ रहने के लिए न सिर्फ तैयार हो गए बल्कि मिठाइयां भी खिलाई। पुलिस ने यहां आये दंपत्तियों से कहा कि दोनों एक दूसरे का सम्मान करें। एक दूसरे के परिवारों की इज्जत करें। परिवार परामर्श केन्द्र सह महिला थाना में पदस्थ एसआई श्रीमती दीपा केंवट ने बताया कि कुल 13 मामलों का निपटारा किया गया जिसमें 5 परिवारों को समझाईश देकर एक साथ रहने राजी किया गया वहीं 8 परिवारों को समझाईश दी गई है। इस अवसर पर काउंसलर सुमन खेत्रपाल, आशा वासन, अर्चना विश्वास, पामेला वासन और महिला सहायता व परिवार परामर्श केन्द्र के प्रधान आरक्षक ग्लोरिया बेनेदिता भी उपस्थित थे।
कमियों को दूर करने का वादा
रविवार को पुलिस ने काउंसलिंग के लिए अलग अलग स्थानों से 16 परिवारों को बुलाया था। पांच परिवारों ने गलती स्वीकार करते हुए कमियों को दूर करने का वादा किया। एक साथ रहने की बात कही। आठ परिवारों ने सोंचने के लिए पुलिस से थोड़ा समय मांगा। दो परिवार न तो बहू को रखने लिए राजी हुए न ही बहू ससुराल में कदम रखने को तैयार हुई। तब पुलिस मामले को कोर्ट ले जाने की सलाह परिवार को दी।


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