वन विदोहन दल को करना पड़ा विरोध का सामना, 3 गिरफ्तार
कोरबा ! एसईसीएल कोरबा प्रक्षेत्र की बहुप्रतीक्षित सरायपाली खुली खदान के लिए वन कटाई(विदोहन)की कार्रवाई के लिए पहुंची राजस्व प्रशासन एवं वन विभाग की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा।

कोरबा ! एसईसीएल कोरबा प्रक्षेत्र की बहुप्रतीक्षित सरायपाली खुली खदान के लिए वन कटाई(विदोहन)की कार्रवाई के लिए पहुंची राजस्व प्रशासन एवं वन विभाग की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि डेढ़ सौ से अधिक संख्या में पहुंचे सदल-बल प्रशासनिक टीम का विरोध कर रहे 3 ग्रामीणों को शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में जेल दाखिल करा दिया। इस कार्यवाही से ग्रामीणों में आक्रोश और तनाव है।
उल्लेखनीय है कि विकासखंड पाली के ग्राम सरायपाली खुली खदान कोयला परियोजना को लेकर पिछले 10 वर्षों से प्रक्रिया जारी है लेकिन आज तक खदान प्रभावित ग्रामीणों से एसईसीएल के साथ आम सहमति नहीं बन पाई है। 3 वर्ष पूर्व तत्कालिक कलेक्टर रजत कुमार के मध्यस्तता में त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी जिसमें आम सहमति भी बनी थी और कुछ मांगों को लेकर सशर्त खदान खोले जाने की सहमति दी गई थी किंतु निर्धारित समयावधि में उन मांगों की पूर्ति नहीं होने पर ग्रामीणों के द्वारा लगातार खदान को लेकर विरोध के स्वर मुखर रहे हैं। पिछले 3 माह में एसईसीएल के द्वारा वन विभाग से प्रस्तावित स्थल पर वन विदोहन की कार्रवाई हेतु लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा था। इसी तारतम्य में वन विभाग की टीम 2 बार मौके पर पहुंची थीं जहां ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा था। आज एक बार फिर वन विदोहन की कार्यवाही के लिए प्रशासनिक और पुलिस अमला वन कर्मियों के साथ पहुंचा। कटघोरा एसडीएम विरेन्द्र बहादुर पंचभाई, एसडीओ वन डीडी संंत, एसडीओपी संजय महादेवा के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन एवं वन विभाग का अमला बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचा था जिसमें एसईसीएल के सुरक्षा गार्ड भी तैनात थे। लगभग 150 से 200 अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति में वन विदोहन की कार्यवाही प्रस्तावित स्थल पर आरंभ की गई।
विरोध के बावजूद वन विदोहन की जानकारी मिलने पर कुछ ग्रामीण श्रीकांत सुनकर के नेतृत्व में मौके पर पहुंचे और विरोध किया। इस दौरान किसी कार्य से रायपुर जा रहे कांग्रेस जन समस्या निवारण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मुरली महंत, जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 की सदस्य किरण कुजूर भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों का पक्ष सुनकर पूरे मामले का समर्थन करते हुए विरोध को सही ठहराया। इन बातों पर एसडीएम से इन सबकी कहा-सुनी हो गई। एसडीएम के निर्देश पर श्रीकांत सोनकर, मुरली महंत और छत्तर सिंह यादव को शासकीय कार्य में बाधा, शांति भंग करने और ग्रामीणों को भडक़ाने के आरोप में गिरफ्तार कर कटघोरा उप जेल भेज दिया गया। दूसरी ओर गिरफ्तारी की खबर तेजी से ग्रामीणों के मध्य पहुंची तब आक्रोशित 200 से 300 ग्रामीण मौके पर पहुंच गिरफ्तार 3 ग्रामीणों की तत्काल रिहाई की माँग करने लगे। एसडीएम ने कानूनी प्रक्रिया का हवाला देते हुए नियमानुसार जमानत कराने की बात कही लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने इसे अनसुना कर मौके पर धरना दे दिया। साथ ही रिहा नही करने पर अपनी गिरफ्तारी देने को कहा जिस पर पुलिस ने ग्रामीणों की गिरफ्तारी सूची बनाकर लगभग 50 ग्रामीणों को जेल भेजने बस पर सवार कराया था इसी बीच श्रीकांत एवं छतर यादव को जमानत मिलने और रिहा होने की सूचना पर ग्रामीणों को भी रिहा कर दिया गया। इसके बाद ग्रामीणाों ने राहत की सांस ली लेकिन गांव में एसईस्ीएल और प्रशासन की कार्यवाही को लेकर असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है।
महंगी पड़ी अगुवाई
कांग्रेस जन समस्या निवारण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मुरली महंत को आज के इस मामले में अगुवाई करना महंगा पड़ गया और सलाखों के पीछे डाल दिया गया। हालांकि एसडीएम के निर्देश पर गिरफ्तार किये गये मुरली सहित तीन ग्रामीणों में से 2 को ग्रामीणों के विरोध के बाद छोडऩा पड़ा लेकिन मुरली महंत की जमानत नहीं हुई। दरअसल इसके विरूद्ध कोरबी पुलिस चौकी में पूर्व में धारा 294, 506, 353, 342, 147, 186 भादवि के तहत मामला दर्ज है और अब तक गिरफ्तारी कोरबी पुलिस नहीं कर सकी थी और फरार बताया जा रहा था। वन विदोहन के मामले में गिरफ्तारी के बाद मुरली महंत को यहां से तो राहत मिल गई, लेकिन पुराने मामले में गिरफ्तारी बताकर कोरबी पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। उसे जेल दाखिल कराया गया है।
2304 वृक्षों की होनी है कटाई
एसडीएम बीरेन्द्र बहादुर पंचभाई ने बताया कि सरायपाली खदान के लिए कलेक्टर ने दो हजार 304 छोटे बड़ों पेड़ों को काटने का आदेश दिया है। प्रबंधन पेड़ों की कटाई कर रहा है। इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। इसे देखते हुए घटना स्थल पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। प्रशासन का कहना है कि राजस्व और वन विभाग की भूमि पर स्थित पेड़ों को काटा जा रहा है जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर मामले में 46 खातेदारों के पक्ष में कोर्ट ने स्थगन आदेश दिया है। एसईसीएल प्रबंधन का कहना है कि उनकी भूमि पर स्थित पेड़ों की कटाई नहीं की जा रही है।


