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खदान से छोड़ा पानी, खेत-खलिहान, सडक़ लबालब

कोरबा ! एसईसीएल की गेवरा स्थित खुली खदान से छोड़ा गया पानी निकटवर्ती ग्राम अमगांव के खेत-खलिहान और सडक़ तक को लबालब कर सामान्य जनजीवन के परेशानी का सबब बन गया है।

खदान से छोड़ा पानी, खेत-खलिहान, सडक़ लबालब
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अमगांववासियों की मुसीबत, गेवरा प्रबंधन पर आक्रोश
कोरबा ! एसईसीएल की गेवरा स्थित खुली खदान से छोड़ा गया पानी निकटवर्ती ग्राम अमगांव के खेत-खलिहान और सडक़ तक को लबालब कर सामान्य जनजीवन के परेशानी का सबब बन गया है। बार-बार मना करने के बाद भी पानी का बहाव नहीं रोकने के प्रबंधन के रवैय्ये से ग्रामीणों में खासा आक्रोश व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार गेवरा खदान में पानी भरने की स्थिति में यहां का पानी बाहर निकाला जाता रहा है, जो गांव के तालाब, नाला आदि को भरने के काम आता है साथ ही खदान के इस अनुपयोगी पानी को किसान भी सिंचाई के लिए उपयोग में लेते रहते हैं। इससे पहले भी गर्मी के मौसम में जल स्रोतों का स्तर सामान्य बनाये रखने के उद्देश्य से ग्रामीणों की मांग पर प्रबंधन द्वारा पानी छोड़ा जाता रहा। बताया गया कि गेवरा खदान से रूटीन के तहत करीब एक सप्ताह पूर्व को भी पानी छोड़ा गया, लेकिन इस बार इसकी मात्रा इतनी अधिक है कि गांव के खेत-खलिहान और सडक़ जलमग्न हो गये। खेत पूरी तरह डूब जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है कि आखिर इतना पानी कैसे निकालेंगे और तब तक खेत दलदल में तब्दील हो जाएगा और कृषि लायक बनाने में खासी मेहनत और धन खर्च करना होगा। हालांकि खदान के लिए ग्राम अमगांव की जमीन अधिग्रहित कर ली गई है, लेकिन खदान प्रारंभ होने से पहले तक किसान फसल जोत-बो रहे हैं। सडक़ पर पानी भरने से खासकर कच्ची सडक़ पर पानी के कारण ग्रामवासियों, राहगीरों और विद्यार्थियों को आवागमन में दिक्कत हो रही है।
सूचना पर भी नहीं रोका बहाव : सरपंंच
ग्राम पंचायत अमगांव के सरपंच नारायण सिंह कंवर ने बताया कि ज्यादा मात्रा में पानी छोड़े जाने की सूचना उसने स्वयं एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को दी थी, इसके बाद भी पानी का बहाव नहीं रोका गया। श्री कंवर ने कहा कि एसईसीएल जिस तरह से पूर्व में पानी छोड़ता आया है उतनी मात्रा में पानी बहाता तो इस तरह की अनावश्यक समस्या नहीं उठानी पड़ती।
नाला को पाटने से हुई दिक्कत
ग्रामीणों ने बताया कि दीपका व गेवरा प्रबंधन मिलकर अमगांव से झिंगटपुर के लिए बाईपास सडक़ बना रहे हैं। इससे पहले एक नाला है जिसे निर्माण के दौरान पाटने के कारण जाम हो गया है। इस सूखे नाला में ग्रामीणों ने पानी छोडऩे के लिए कहा था और खदान से छोड़ा गया पानी नाला में भरने के बाद ओवर फ्लो होकर खेतों में चला गया। नाला को बिना दोंद पाइप लगाए पाटने की वजह से यह दिक्कत हुई है। सप्ताह भर पूूर्व उत्पन्न समस्या से निपटने के लिए एसईसीएल और बाइपास बना रही कंपनी के द्वारा लोहे के दो- तीन पाइप लगाकर पानी को निकाला जरूर जा रहा है लेकिन जिस प्रेशर से पानी खदान से छोड़ रहे हैं उसकी अपेक्षा तीनों पाइप से पानी कम निकल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह पानी लीलागर नदी में जाकर मिल रहा है जिससे गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को निस्तार की समस्या नहीं होगी।


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