‘कल्पतरू’ में स्वास्थ्य विभाग की दबिश, कारोबार बंद रखने हिदायत
कोरबा ! झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के पॉश इलाके मे संचालित कल्पतरू सेवा मिशन के कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की

0 टीम को नहीं दिखा सके संचालन संबंधी वैध दस्तावेज और डिग्री
0 दवाइयों एवं रासायनिक सामग्रियों के सैम्पल जांच के लिए जप्त
कोरबा ! झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के पॉश इलाके मे संचालित कल्पतरू सेवा मिशन के कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा। बीएमओ के नेतृत्व में मारे गए छापे में उक्त संस्थान से दवाईयां, उपकरण और कुछ रासायनिक सामग्री बरामद की गई है। सभी को जब्त कर जांच के लिए भेजा जा रहा है, वहीं संचालक को अपना कारोबार बंद करने की चेतावनी दी गई है। ऐसा नहीं करने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले चार दिनों से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जिलेभर में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा क्लीनिक और पैथोलैब में छापामार की कार्रवाई की जा रही है। संचालन हेतु आवश्यक डिग्री व दस्तावेजों के अभाव में अब तक लगभग 150 क्लीनिक और पैथोलैब को सील कर दिया गया है। इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. पीएस सिसोदिया के निर्देश पर मंगलवार को कोरबा खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक सिंह राज के नेतृत्व में ड्रग इंस्पेक्टर आरके कंवर, भीष्मदेव सिंह, आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डा. व्हीके जैन की टीम ने निहारिका सुभाष चौक के निकट आरपी नगर फेस-2 कालोनी के मकान क्रमांक एमआईजी 60 स्थित कल्पतरू सेवा मिशन में छापा मारा। यहां पर जड़ी बूटी एवं आयुर्वेदिक पद्धति से संस्थान के संचालक एसके श्रीवास्तव द्वारा दमा, एलर्जी, शुगर, ब्लडप्रेशर, बवासीर, गुप्त रोग समेत अन्य जटिल बीमारियों का ईलाज किया जाना पाया गया। संस्थान में ही निर्मित किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के पाउडर व रासायनिक पदार्थ भी पाए गए। टीम ने कल्पतरू सेवा मिशन संस्थान से जड़ी बूटी निर्मित दवाईयों एवं रासायनिक पदार्थों को जांच हेतु जप्त करने के साथ ही संचालक को अग्रिम आदेश तक किसी भी तरह का उपचार नहीं करने की चेतावनी दी गई। साथ ही उनके शपथ पत्र भी भरवाया गया कि बिना निर्देश अपनी दुकानदारी शुरू नहीं करेंगे।
यहां बताना लाजमी होगा कि एसके श्रीवास्तव इससे पहले सीएसईबी कोरबा पूर्व के ट्रेनिंग सेंटर में बतौर अधीक्षण यंत्री पदस्थ रहे और वर्षों पूर्व सेवानिवृत्त होने के बाद अपने औषधीय जानकारी का हवाला देकर कल्पतरू सेवा के नाम से हर्बल उपचार पद्धति को मिशन के रूप में प्रचारित-प्रसारित कर रहे हैं। ये हर्बल पद्धति से अनेक तरह के रोगों का ईलाज और मरीजों को लाभ का दावा करते रहे हैं तथा राष्ट्रीय पुरस्कार भी पाये हैं। अपने संस्थान को आईएसओ सर्टिफाईड बताते हैं लेकिन संस्थान संचालन के लिए कोई वैधानिक डिग्री व दस्तावेज भी नहीं रखते। संस्थान में कार्यवाही की चर्चा इनके मरीजों और नगरजनों में सरगर्म रही।
वैध डिग्री और पंजीयनभी नहीं : बीएमओ
बीएमओ डॉ. दीपक सिंह राज ने बताया कि कल्पतरू सेवा मिशन में जांच के दौरान संचालक सुशील कुमार श्रीवास्तव के पास कोई भी वैध डिग्री नहीं पाई गई जिससे कि वे एलोपैथिक अथवा आयुर्वेदिक पद्धति से किसी भी तरह का उपचार कर सकें या दवाईयों की बिक्री कर पायें। आयुर्वेदिक दवा निर्माण के लिए पाउडर, उपकरण, प्रोटीन काफी मात्रा में पाए गए हंै। नर्सिंग एक्ट के तहत संस्था का संचालन करने संबंधी वैधानिक रूप से चिकित्सा डिग्री और संस्था विधिवत रूप से संचालन करने का पंजीयन भी नहीं पाया गया। बीएमओ ने बताया कि संचालक श्रीवास्तव से शपथ पत्र भरवाया गया है और उन्हें अपना कारोबार बंद करने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि यदि कोई दस्तावेज है तो उसे प्रस्तुत करें और नहीं तो कारोबार बंद रखें अन्यथा उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। जांच की पूरी रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंपी जाएगी। जब्त सामग्री को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जा रहा है और जांच रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


