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25 साल बाद मुक्त करायी जा सकी 190 एकड़ सरकारी जमीन

कोरबा-पोड़ी उपरोड़ा ! दीगर जिले से आकर 25 साल पहले बसे लोगों ने ग्रामीणों द्वारा दी गई 10 एकड़ जमीन के विरूद्ध लगभग 190 एकड़ शासकीय जमीन पर कब्जा कर लिया था।

25 साल बाद मुक्त करायी जा सकी 190 एकड़ सरकारी जमीन
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संगवारी पुलिस और राजस्व विभाग ने आपसी समझौता से कराया पटाक्षेप
कोरबा-पोड़ी उपरोड़ा ! दीगर जिले से आकर 25 साल पहले बसे लोगों ने ग्रामीणों द्वारा दी गई 10 एकड़ जमीन के विरूद्ध लगभग 190 एकड़ शासकीय जमीन पर कब्जा कर लिया था। कब्जा को लेकर आये दिन होने वाले विवाद से ग्राम जल्के में अशांति निर्मित होती थी। संगवारी पुलिस ने ढाई दशक के इस विवाद का निपटारा राजस्व अमले की मौजूदगी में दोनों पक्षों की सहमति से कराया। इसे संगवारी अभियान की एक बड़ी उपलब्धि कही जा रही है।
जानकारी के अनुसार पोड़ी उपरोड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जल्के प.ह.नं. 15 में स्थित खसरा नंबर 731/1क रकबा 63.946 हेक्टेयर में से प्रदत्त पट्टे की भूमि पर कब्जा को लेकर ग्राम वासियों और पट्टाधारियों के मध्य यह विवाद विगत 25 वर्षों से चला आ रहा था। सीमावर्ती सरगुजा जिला से रजवार समुदाय के 11 परिवार के 60 से अधिक लोग जल्के में रहने आये और यहीं का होकर रह गये। इन लोगों को आपसी सहमति से ग्राम पंचायत ने 10 एकड़ भूमि निवास एवं कृषि कार्य हेतु दान स्वरूप दिया जिस पर काबिज होकर शासन से पट्टा भी प्राप्त कर लिया गया। बाद में धीरे-धीरे इन लोगों ने लगभग 190 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा किया जाने लगा। इस बात पर आये दिन विवाद होता रहता था। संगवारी पुलिस ने 8 मार्च को ग्राम जल्के में दोनों पक्षों को बिठाया और तहसीलदार, कोरबी चौकी प्रभारी, पसान के राजस्व निरीक्षक, पिपरिया व जल्के के पटवारी, ग्राम सरपंच, पंचों, कोटवारों व ग्रामीणों की उपस्थिति में निपटारा किया गया। इस दौरान पाया गया कि 6 अपै्रल 2014 को आरआई पसान द्वारा सीमांकन आधार पर सुकलाल, बसंतलाल, परसराम, बाबूलाल, कन्हई, जयकरण, मोहेलाल, पवन, उजीत राम, आल्हा प्रसाद, रामलाल, मोहन प्राप्त भूमि के पट्टे पर काबिज हैं और कोई विवाद नहीं है। सीमांकित व पट्टे से प्राप्त अतिरिक्त भूमि जिस पर ग्रामवासियों से विवाद है उसे छोडऩे की सहमति दी गई। वर्तमान काबिज एवं निवासरत राजाराम, करन साय व अन्य सभी पट्टाधारियों ने अपने पट्टा मेें प्राप्त भूमि के रकबा अनुसार काबिज रहना स्वीकार किया है। बीरन प्रसाद को उसके पट्टे पर तत्काल रकबा चिन्हांकित कर बताया गया। इस बैठक में सरपंच कमल प्रसाद, ग्रामवासी बाबूलाल, भैयालाल, मोहेलाल, इतवार सिंह, शिवलाल, रनसाय, शंकर सिंह, इन्द्रपाल, संपत, दिलहरण, अमोल सिंह, प्यारीलाल, मानमती, रामबाई, इंदर साय, श्रीनाथ, धीरपाल सिंह, धनी सिंह, जगतपाल सहित 51 ग्रामवासियों ने पंचनामा पर हस्ताक्षर किये हैं।


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