सरकारी शराब दुकान खोलने प्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत
कोरबा ! प्रदेश में नई व्यवस्था के तहत 1 अप्रैल से खोले जाने वाले सरकारी शराब दुकानों को शुरू कराने में प्रशासन और पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

टीपीनगर में नये स्थल का विकल्प और समझौते पर शांत हुआ विरोध
कोरबा ! प्रदेश में नई व्यवस्था के तहत 1 अप्रैल से खोले जाने वाले सरकारी शराब दुकानों को शुरू कराने में प्रशासन और पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। कोरबा जिले में कुछ स्थानों पर काफी विरोध हुआ जिसे बाद में शांत करा लिया गया। टीपीनगर की शराब दुकान नये स्थल का विकल्प और कई बिन्दुओं पर समझौता के बाद खोली जा सकी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए सरकार की शराब दुकानों का संचालन नई व्यवस्था के साथ जिले में भी प्रारंभ हुआ है। 38 देशी और विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन के लिए कई स्थान पर विरोध का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के नियम के तहत हाईवे से 500 मीटर दूर शराब दुकानों को हटाने की व्यवस्था के बावजूद दुकान संचालन के लिए भवन का निर्माण नहीं कराया जा सका है, वहीं 23 दुकानों का संचालन किराये के भवन में प्रारंभ करने आज दिनभर गहमा-गहमी मची रही। स्टेडियम मार्ग में चौक के निकट देशी और विदेशी शराब दुकान निजी भवन में खोले जाने का विरोध किया गया। ट्रांसपोर्टरों के अलावा सिक्ख और सतनामी समाज के लोगों ने विरोध के अनेक कारण गिनाये। देशी अहाता खोलने से गैरेज मैकेनिकों की शराब की आदत पडऩे सहित गुरूद्वारा, सतनाम भवन और निकट स्थित मंदिर में सपरिवार जाने वालों को होने वाली दिक्कत बताई गई। यहां तनाव बढऩे पर सीएएफ और पुलिस के जवान तैनात किये गये। सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक अग्रवाल ने ट्रांसपोर्टरों व सिक्ख समाज के लोगों से चर्चा की। अंतत: समझौता हुआ कि विकल्प के तौर पर कोई नया स्थल एक सप्ताह में बताया जाएगा जिस पर कमेटी विचार करेगी। चूंकि स्टेडियम मार्ग में विदेशी शराब दुकान और इसके ठीक पीछे गैरेज मार्ग की ओर देशी भ_ी और अहाता का संचालन होना है किन्तु विरोध को देखते हुए गैरेज वाले मार्ग की ओर शटर नहीं खोला जाएगा और अहाता व चखना दुकान नहीं होंगे। इस दौरान एसडीएम देवेन्द्र पटेल, एएसपी तारकेश्वर पटेल, तहसीलदार टीआर भारद्वाज, जिला आबकारी अधिकारी नोहर सिंह ठाकुर, टीआई विवेक शर्मा, एसआई ग्रहण सिंह राठौर, एएसआई लखन सिंह व पुलिस जवान मौजूद थे।
मायूस हुए सुराप्रेमी
नये निर्देशों के तहत शराब दुकान तो खोल ली गई, लेकिन बिक्री के लिए शराब उपलब्ध नहीं होने के कारण सुराप्रेमियों को निराश होना पड़ा। निहारिका सहित अनेक क्षेत्र के अंग्रेजी शराब दुकान में मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि अंग्रेजी शराब की खेप अब तक नहीं आने के कारण इसकी बिक्री संभव नहीं हो सकी है और ग्राहक खाली हाथ लौटते रहे। इसी तरह देशी शराब दुकानों में भी कहीं विरोध के कारण तो कहीं पूर्ण रूप से भंडारण के अभाव में सुराप्रेमियों को निराश होना पड़ा। हालांकि नई दुकानों में शराब की रेट लिस्ट जरूर चस्पा कर दी गई है। साथ ही शराब बिक्री की मात्रा को लेकर भी शहर में चर्चा सरगर्म है।


