बाल विवाह कराने वााले पंडित, परिजन ही नहीं हलवाई भी जाएंगे जेल
कोरबा ! विवाह के लिए बेहद शुभ दिन में शामिल अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की परम्परा वर्षों से चली आ रही है। प्रशासनिक दखल और कार्यवाही के कारण इस परम्परा को हतोत्साहित तो किया जा रहा है

अक्षय तृतीया के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट
कोरबा ! विवाह के लिए बेहद शुभ दिन में शामिल अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की परम्परा वर्षों से चली आ रही है। प्रशासनिक दखल और कार्यवाही के कारण इस परम्परा को हतोत्साहित तो किया जा रहा है किन्तु बेहद शुभ माने जाने के कारण इस परम्परा को पूरी तरह रोकने में सफलता नहीं मिल पा रही है। बाल विवाह पर रोक के मद्देनजर इस अक्षय तृतीया पर भी प्रशासन अलर्ट है और इसके लिए गठित टीम इस दौरान होने वाली शादियों पर नजर रखे हुए है। यदि कहीं बाल विवाह होना पाया गया तो संबंधित परिजन के साथ-साथ फेरा लगवाने वाले पंडित जी और शादी से जुड़े सभी पक्ष को जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी।
इस वर्ष अक्षय तृतीया 29 अप्रैल को पड़ रही है और इस दिन विवाह के कई आयोजन भी हैं। इन सबके बीच बाल विवाह की संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले में मौजूद अपने पूरे अमले को सतर्क रहने के साथ ही कड़ी निगरानी करने के निर्देश दिये हैं। स्कूल की पढ़ाई छोड़ चुकी किशोरियों की उपलब्ध सूची के अधार पर मॉनिटरिंग करने कहा गया है। मिताीनन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किशोरी बालिकाओं का सर्वे करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। कानून के अनुसार विवाह के लिये लडक़ी की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और लडक़े 21 वर्ष होनी चाहिए। पिछले वर्ष के शादी के सीजन में चाइल्ड लाइन व महिला बाल विकास विभाग ने पुलिस की मदद से करीब दो दर्जन नाबालिगों की शादियां होने से पहले ही रूकवा दी। इनमें से कुछ शादियां शहर के समीप तो कुछ दूरस्थ अंचलों में की जा रही थी। महिला बाल विकास विभाग रायपुर के सचिव ने इस संबंध में विभाग को पत्र जारी कर निर्देश जारी करते हुए कड़ाई से पालन करने सुनिश्चित करने कहा है। उपरोक्त पत्र के अनुसार यदि किसी भी परिवार के द्वारा बाल विवाह करना पाया जाता है तो इस बाल विवाह में शामिल होने वाले सभी लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्यवाही मेेंं वर-वधु के परिजन समेत विवाह में शामिल होने वाले बाराती, घराती, फेरा लगवाने वाले पंडित और भोजन पकाने वाले हलवाई भी नहीं बख्शे जाएंगे।
1098 को दें सूचना
महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा अपने अधीनस्थ संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर 15 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं की सूची बनाकर सर्वे पंजी से मिलान कर डाटाबेस तैयार कराया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वे किशोरी बलिकाओं से गृह भेंट कर उन्हें एवं परिजनों को बाल विवाह के दुष्परिणाम व सभा में बाल विवाह की कानूनी जानकारी से अवगत कराते हुए जागरूक करें। अपने कार्यक्षेत्र में बाल विवाह की जानकारी होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा नजदीकी थाने व चाइल्ड लाइन के नंबर 1098 पर अवगत कराने कहा गया है।


