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अवैध ईंट भट्टों पर खनिज विभाग की कार्रवाई नहीं

कोरबा-करतला ! खनिज विभाग के उदासीनता से क्षेत्र में अवैध रेत के साथ-साथ अब अवैध ईंट भट् में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

अवैध ईंट भट्टों पर खनिज विभाग की कार्रवाई नहीं
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0 पर्यावरण विभाग की अनुमति बिना जलाया जा रहा कोयला चट्ठा
0 सोन नदी किनारे दर्जनों गांवों में अवैध ईंट भट्ठे

कोरबा-करतला ! खनिज विभाग के उदासीनता से क्षेत्र में अवैध रेत के साथ-साथ अब अवैध ईंट भट् में भी बढ़ोत्तरी हुई है। विकासखंड करतला के ग्राम खरवानी से उमरेली तक मौजूद सोन नदी किनारे का नजारा पूरे अवैध ईंट भट्टों के संचालित करने वालों से भरे पड़े हंै। नदी के किनारे सुलभ पानी की वजह से अवैध ईंट का कारोबार यहां तेजी से फल फूल रहा है। बिना पर्यावरण विभाग से अनुमति के ईंट भट्टों का संचालन लंबे अरसे से किया जा रहा है जबकि शासन ने इनके लिए कड़े नियम बना रखे है।
जानकारी के अनुसार दर्जनों की संख्या में ग्राम खरवानी से उमरेली के बीच मुख्य सडक़ किनारे के क्षेत्र में अवैध ईंटों का निर्माण जारी है जिससे पर्यावरण प्रदूषण की वजह से वातावरण को नुकसान हो रहा है, साथ ही शासकीय जमीनों पर अवैध खुदाई भी हो रही है। निजी जमीनों के साथ-साथ शासकीय जमीनों में भी ईंट का निर्माण कार्य चल रहा है। अवैध ईंट निर्माता बिना किसी भय के खुले आम ईंट भट्ठे संचालित कर रहे हंंै। खनिज विभाग के अफसरों की निरंतर कार्यवाही के आभाव में क्षेत्र में ऐसे दर्जनों अवैध भट्ठे फल फूल रहे हैं। इन भट्ठे संचालकों के पास किसी तरह के कोई कागजात ईंट निर्माण के संबंध में नहीं है। इसके बावजूद खनिज विभाग व पर्यावरण विभाग इस ओर कोई ठोस कदम उठाते नहीं दिखाई दे रहे हैं। कई ईंट भट्ठा संचालकों ने तो भट्ठा चलाने के लिए ग्राम पंचायत से अनुमति तक नहीं ली है।
अवैध कोयले से पक रही ईंट
ग्राम उमरेली, गितारी, देवलापाठ, चिचोली, रीवापार, सरईपाली, दर्राभांटा, नवापारा, बिरतराई, सेन्द्रीपाली, केराकछार, फतेगंज, चिकनीपाली सहित अन्य स्थानों पर बिना अनुमति के अवैध ईंट निर्माणभट्ठे संचालित हैं। छोटे से छोटे ईंट भट्ठे में कोयला जलने के लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। परंतु उमरेली क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में ऐसे भट्ठे है जिन्होंने शासन के इस नियम का पालन नहीं किया है। बिना रॉयल्टी एवं कागजात के दर्जनों टन कोयले कहां से आते हंै, यह भी एक सवाल है। इसमें कोई संदेह नहीं की कोयला खदानों से चोरी किये जा रहे कोयला बड़े पैमाने पर इन भट्ठों में खपाये जाते हैं।
आवास योजना में खपाई जा रही है अवैध ईंट
प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को घर में लाल ईंटे पहुंचाई जा रही हंै जबकि शासन ने सिर्फ फ्लाई ऐश ईंटों के इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की है। सिर्फ जिसके निजी घर में लाल ईंट मौजूद है उन्हें ही छूट प्रदान की गई है। ऐसा में ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध ईंट भट्ठे के ईटों का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही उन्हें अपनी ईंट बता रहे हंै। इस तरह से शासन द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए लाल ईंट के प्रतिबन्ध का पालन ग्रामीण अंचल में होता नहीं दिख रहा है।


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