गोंडवाना बैंक के खाताधारकों से छल 2 आरोपियों को 3-3 वर्ष कारावास
कोरबा-कटघोरा ! गोंडवाना बैंक खोलकर खाताधारकों से रूपये जमा कराने और बाद में वापस नहीं करते हुए कूटरचना पूर्वक दस्तावेज तैयार कर छल करने के मामले में

कोरबा-कटघोरा ! गोंडवाना बैंक खोलकर खाताधारकों से रूपये जमा कराने और बाद में वापस नहीं करते हुए कूटरचना पूर्वक दस्तावेज तैयार कर छल करने के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को 3-3 वर्ष कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। प्रकरण का एक आरोपी हीरासिंह मरकाम जो कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है उसे फरार बताते हुए न्यायालय ने उसके खिलाफ बेमियादी वारंट जारी किया है।
न्यायालयीन सूत्रों के मुताबिक घटना का विवरण इस तरह है कि 20 दिसंबर 1992 को हीरा सिंह मरकाम ने रतनपुर में मिटिंग के दौरान प्रार्थी अर्जुन सिंह को बेईमानी पूर्वक उत्प्रेरित करते हुए गोडवाना बैंक में अपने लडक़े जयसिंह के नाम खाता नंबर 360, देवचरण के नाम का खाता नंबर 1187 व ईतवार सिंह के नाम का खाता नंबर 410, नाती संतोष कुमार के नाम का खाता नंबर 6331, नातीन कु. संतोषी के नाम का खाता नंबर 6333 एवं सरस्वती के नाम का खाता नंबर 6332 माखनपुर शाखा में खुलवाया गया जिसका पैसा उसके एजेंट/आरेापी धनसिंह के माध्यम से प्रतिमाह जमा करता रहा। प्रार्थी जब अपने जमा पैसे निकालने के लिए माखनपुर में गोंडवाना बैंक के सचिव समार सिंह एवं एजेंट धनसिंह, हीरा सिंह मरकाम के पास गया तो उसे आज आना कल आना कहा गया। बैंक से पैसा प्राप्त नहीं होने के कारण प्रार्थी के द्वारा लिखित शिकायत थाना कटघोरा में की गई। घटना 8 जनवरी 2001 को अर्जुन सिंह गोंड़ ने रिपोर्ट लिखाई कि बेईमानी पूर्वक कागजात तैयार कर उससे पैसा जमाकर छल किया गया। पुलिस ने आरोपी समार सिंह पिता मगंल सिह टेकाम 60 वर्ष, ग्राम माखनपुर पाली, धन सिंह पिता बीर सिंह गोंड 54 वर्ष ग्राम सिंघिया कटघोरा व हीरा सिंह मरकाम पिता देवसाय मरकाम 54 वर्ष निवासी तिवरता थाना कटघोरा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 330/16 धारा 420, 467, 468, 34 भादवि के तहत जुर्म दर्ज किया। रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पाए जाने पर गिरफतार करते हुए प्रकरण न्यायालय में पेश किया गया। विचाराधीन प्रकरण में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटघोरा संतोष ठाकुर ने दोषसिद्ध पाये जाने पर आरोपी समार सिंह एवं धनसिंह को धारा 420 भादवि में 3 वर्ष कारावास और 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 467 भादविमें कारावास और 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 468 भादवि में 3 वर्ष कारावास और 500 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। तीनों कारावास की सजा साथ-साथ भुगताई जाए। प्रत्येक अर्थदण्ड की राशि के भुगतान न किये जाने पर तीन माह का साधारण कारावास भुगताया जाएगा। प्रकरण में अन्य सहआरोपी हीरा सिंह मरकाम घटना दिनांक से फरार है, जिसका बेमियादी गिरफतारी वांरट जारी किया गया है।


