फर्जीवाड़ा में पटवारी और जमीन खरीददार जेल दाखिल
कोरबा-कटघोरा ! राजस्व रिकॉर्ड दुरूस्त नहीं होने का फायदा उठाकर षडय़ंत्रपूर्वक एक बेवा की मौत के बाद उसके आम मुख्तियार के जरिए बेवा की शेष एक डिसमिल भूमि

कोरबा-कटघोरा ! राजस्व रिकॉर्ड दुरूस्त नहीं होने का फायदा उठाकर षडय़ंत्रपूर्वक एक बेवा की मौत के बाद उसके आम मुख्तियार के जरिए बेवा की शेष एक डिसमिल भूमि को 29 डिसमिल दर्शाकर बिक्री करने के बहुचर्चित धनैया बाई प्रकरण में आरोपी पटवारी और जमीन खरीददार को न्यायालय ने जेल भेज दिया है। जेल जाने के बाद दोनों ने खुद को बीमार बताया और रात में ही अस्पताल दाखिल हो गए।
जानकारी के अनुसार जमीन फर्जीवाड़ा के मामले में कटघोरा के तत्कालीन पटवारी बजरंग पुलस्त एवं खरीददार प्रमोद नायडू के खिलाफ प्रथम व्यवहार न्यायालय कटघोरा से जमानती वारंट जारी किया गया था। इस वारंट पर दोनों आरोपी 4 मार्च को न्यायालय में पेश हुए। दोनों ने न्यायालय में पेश होने के साथ ही अपने अधिवक्ता के जरिए जमानत आवेदन भी लगाया। न्यायाधीश संतोष ठाकुर ने जमानत आवेदन निरस्त करते हुए दोनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया। पुलिस अभिरक्षा में दोनों को कटघोरा उपजेल दाखिल कराया गया। उपजेल अधीक्षक मुकेश कुशवाहा के मुताबिक दोनों ने ब्लड प्रेशर की शिकायत बताई, जिस पर जांच हेतु कटघोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया। सीएचसी में जांच के लिए गए दोनों आरोपियों को परीक्षण उपरांत भर्ती कर लिया गया। दोनों आरोपियों को अस्पताल के ऊपरी तल पर कमरा नंबर-116 में एक साथ रखा गया है। इस संबंध में कटघोरा खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रूद्रपाल सिंह कंवर ने बताया कि वे कल से रायपुर में हैं और दो आरोपियों को अस्पताल लाये जाने की जानकारी मिली हैे लेकिन क्या बीमारी है, इसके बारे में पता नहीं, जिस डॉक्टर की ड्यूटी है वही बता पाएगा।
अस्पताल में मिल रही सारी सुविधाएं
आरोपी बजरंग पुलस्त व प्रमोद नायडू को बीमारी के नाम पर पुलिस अभिरक्षा में अस्पताल में रखा गया है लेकिन सूत्रों की मानें तो इन्हें व्हीआईपी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। दोनों एक ही कमरे में हैं और हथकड़ी भी नहीं लगाई गई है। सुबह से शाम तक इनसे मिलने वालों का तांता लग रहा है। यही नहीं इनकी मनपसंद के सारे खाने-पीने के सामान मुहैया कराये जा रहे हैं और बे-रोक-टोक आना-जाना कर जमकर खातिरदारी हो रही है। सीएचसी परिसर में इन रसूखदारों के चहेतों का जमावड़ा लगा हुआ है। हालांकि उप जेल अधीक्षक मुकेश कुशवाहा ने इन आरोपियों को दवाई आदि व्यवस्था के लिए जेल से कर्मी लगाने की बात कही है तो दूसरी ओर कटघोरा थाना से बताया गया कि रघुवीर सिंह और सुखनंदन नामक सिपाही को यहां तैनात किया गया है। सूत्रों की मानें तो पुलिस अभिरक्षा सिर्फ नाम की है, बाकी सारा कुछ दोनों आरोपियों के इशारे पर हो रहा है।
क्या है मामला
दरअसल कटघोरा थाना क्षेत्रांतर्गत निवासी बेवा धनैया बाई के नाम पर कुल 35 डिसमिल जमीन थी जिसे उसने आवश्यकतानुसार टुकड़ों में बिक्री किया। अंत में उसके नाम पर सिर्फ एक डिसमिल जमीन शेष रह गई, किन्तु राजस्व रिकार्ड में सुधार नहीं होने के कारण 29 डिसमिल जमीन उसके नाम पर दर्ज रही। धनैया बाई ने अपना आम मुख्तियार राजेश कश्यप को नियुक्त कर रखा था। सन 2003 में धनैया बाई की मौत के बाद भी उसका रिकार्ड सुधार नहीं हुआ। इसका लाभ लेते हुए वर्ष 2012 में आम मुख्तियार राजेश कश्यप ने हल्का पटवारी बजरंग पुलस्त से मिलकर 29 डिसमिल जमीन की बिक्री प्रमोद नायडू को कर दी, जबकि वास्तव में सिर्फ एक डिसमिल जमीन ही शेष थी। पटवारी ने गलत तरीके से 22 कॉलम भरा और कूटरचना की। मामला उजागर होने के बाद कोई कार्रवाई न होने पर कटघोरा निवासी सूर्यकांत नायडू ने कटघोरा न्यायालय में परिवाद पेश किया। प्रथम व्यवहार न्यायाधीश के न्यायालय में दायर विचाराधीन परिवाद में 7 नवंबर 2013 को षडय़ंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करने के जुर्म में प्रकरण क्रमांक 997/2013 पर धारा 420, 120 बी भादवि के तहत बजरंग पुलस्त, प्रमोद नायडू व राजेश कश्यप के खिलाफ मामला न्यायालय ने दर्ज किया। आरोपियों की उपस्थिति के लिए न्यायालय से सम्मन जारी किया जाता रहा और पेश नहीं होने पर अंतत: इनके विरूद्ध जमानती वारंट जारी किए गए।


